Indore: स्पेशल हैंडलूम एक्सपो का आखिरी दिन, गायक ने सजाई सुरों की महफिल

Akanksha
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इंदौर। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम लि. भोपाल द्वारा स्पेशल हैंडलूम एक्सपो का आयोजन विकास आयुक्त (हाथकरघा) वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली के सहयोग से केसरबाग रोड़ सि्थत अरबन हाट परिसर में किया जा रहा हैं। इस एक्सपो में हाथकरघा वस्त्रों के शौकिन को न केवल हाथकरघा के सुंदर नमूने देखने को मिल रहे हैं बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने का भी मौका मिल रहा है।

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स्मिता भारद्वाज प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग ,मध्यप्रदेश शासन ने एक्सपो का अवलोकन किया सभी स्टॉल पर विजिट कर बुनकरों के उत्पाद देखे,व उनसे बात कर उन्हें डिज़ाइन और रंग संयोजन में सुधार हेतु सुझाव भी दियेl इसी कड़ी में गुरुवार की शाम सुरों की सभा सजी। इसमें संगीत के शौकिनों को एक-दो गायक नहीं बल्कि करीब 25 गायकों के सदाबहार गीत सुनने को मिले।

यहां सजी एस कुमार म्यूजिकल नाइट में शहर के कलाकार सुमित सक्सेना ने इन गायकों के गीतों को प्रस्तुत किया। किशोर कुमार, मो. रफी, मन्ना डे, मुकेश, नितिन मुकेश, सुदेश भोसले, कुमार शानू, सोनू निगम आदि महान गायकों के गीत इन्होंने उन्हीं की आवाज़ में प्रस्तुत करने का बहुत ही खूबसूरत प्रयास किया।

इस आयोजन की शुरुआत स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को श्रद्धासुमन अर्पित कर की गई। लता मंगेशकर को याद करते हुए कलाकार ने सबसे पहले उन्हीं का गीत ‘लग जा गले’ सुनाया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक मधुर तराने पेश किए। मो. रफी का गीत ‘अकेले हैं चले आओ, चाहूंगा मैं चुम्हें सांझ सवेरे’ सुनाए तो मन्ना डे के लोकप्रीय गीतों में से ‘जिंदगी कैसी है पहेली हाय’ प्रमुखता से सुनाया।

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प्रस्तुतियों के बीच-बीच में उन्होंने लता मंगेशकर के गीत भी सुनाए जिसमें ‘जिंदगी की ना टूटे लड़ी, ओ सजना बरखा बहार आई’ आदि शामिल थे। ऐसा नहीं कि आयोजन में 80 के दशक के पहले के ही गीत सुनाए गए। यहां कुमार शानू और सोनू निगम द्वारा गाए गए गीत भी पेश किए। इसमें सोनू निगम का गीत ‘मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो’ भी था तो कुमार शानू का गीत ‘मेरा चांद मुझे आया है नजर’ भी सुनाया गया।

कलाकार ने गायकों की आवाज़ और अंदाज को बखूबी निभाने का प्रयास किया। उल्लेखनीय है कि एसजीएसआईटीएस से बीई मैकेनिकल इंजीनिरिंग करने और मार्केटिंग में एमबीए करने वाले सुमित सक्सेना 40 से अधिक गायकों की आवाज़ को बखुबी निभाते हुए प्रस्तुति देते हैं।