Indore : महालक्ष्मी नगर कॉलोनी एवं अयोध्यापुरी कॉलोनी की जांच के लिए बनाया गया दल

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इंदौर। गत 29 नवम्बर को संपन्न हुई जनसुनवाई में देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की महालक्षमी नगर कॉलोनी एवं अयोध्यापुरी कॉलोनी के संबंध में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के समक्ष पृथक-पृथक आवेदन प्रस्तुत किये गए थे। कलेक्टर द्वारा उपरोक्त दोनों आवेदनों को मॉनिट में लिया जाकर समय सीमा में निराकरण हेतु निर्देश दिए गए हैं। उनके द्वारा संस्था की अयोध्यापुरी कॉलोनी के संबंध में प्राप्त आवेदनों का निराकरण अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर एवं महालक्ष्मी नगर कॉलोनी के संबंध में प्राप्त आवेदनों का निराकरण अपर कलेक्टर सपना लोवंशी की मॉनिटरिंग में करने हेतु निर्देशित किया गया है।

उपायुक्त सहकारिता मदन गजभिए ने बताया कि देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर द्वारा विकसित अयोध्यापुरी कॉलोनी एवं श्री महालक्ष्मीनगर कॉलोनी के सदस्यों व भूखण्डधारियों की प्रस्तुत सूची की जांच आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाऐं द्वारा जारी निर्देशों एवं समय-समय पर जारी परिपत्रों के अनुसार की जा रही है। इस जांच की जवाबदारी आर. एस. ठाकुर वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक एवं के. एल. कोरी सहकारी निरीक्षक को संयुक्त रूप दी गयी थी।

जनसुनवाई में कलेक्टर के उपरोक्त निर्देशों के तारतम्य में 14 नवम्बर 2022 को गठित जांच दल में आंशिक संशोधन करते हुए नए दल का गठन किया गया है। इस दल में जी. एस. परिहार अंकेक्षण अधिकारी (मोबाइल नम्बर 7869106747) दल प्रमुख रहेंगे। दल में आर. एस. ठाकुर वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक (मोबाइल नम्बर 9424842270) तथा के.एल. कोरी सहकारी निरीक्षक (मोबाइल नम्बर 9826136039) सदस्य बनाए गए हैं।

उक्त दल को निर्देशित किया गया है कि देवी अहिल्या श्रमिक कामागार सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की अयोध्यापुरी कॉलोनी एवं महालक्ष्मीनगर कॉलोनी के सदस्यों की संस्था द्वारा प्रस्तुत सूची जिसमें भूखण्ड आवंटन का भी उल्लेख है, का परीक्षण म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 म.प्र. सहकारी सोसायटी नियम 1962, संस्था उपविधि, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाऐं म.प्र. भोपाल के परिपत्र दिनांक 18 फरवरी 2020 एवं समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार किया जाए।

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सदस्यों के सूचनार्थ सूची का प्रकाशन नियत स्थानों पर किया जाकर उस पर दावे आपत्तियां प्राप्त की जाए। प्राप्त दावे/आपत्तियों का निराकरण संबंधितों को समक्ष में सुनकर किया जाए। जिन सदस्यों के दावे/आपत्तियां प्राप्त न हो उनका निराकरण संस्था अभिलेखों से किया जाकर संपूर्ण प्रकिया आदेश दिनांक से 02 माह की समयावधि में पूर्ण कर अंतिम सूची एवं विस्तृत प्रतिवेदन सुस्पष्ट अभिमत सहित प्रस्तुत करें।