इंदौर: स्टाप डेम की तकनीकी बातों पर नहीं दे रहे ध्यान, शहर को भुगतना पड़ेगा बहुत बड़ा नुकसान

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अतुल शेठ। इंदौर की कान सरस्वती नदी पर शिवाजी मार्केट के पीछे, यह स्टॉप डेम बना हुआ है और इसके ऊपर पैदल पुल बना है। तकनीकी दृष्टि से स्टॉप डेम के सारे स्टोपर या दरवाजे बरसात आने के पहले जून माह में ही निकाल लेना चाहिए। जिससे कि जब पहली बरसात आती है और पानी बहता है, तो सारी गाद और गंदगी बह जाती है। इस दरवाजे को सितंबर माह के आखिर में जब मानसून चला जाता है तब लगाकर जो पानी आता है उसको रोक लिया जाता है। यह बहुत सामान्य सी तकनीकी की प्रक्रिया है। मगर दुर्भाग्य है इंदौर का कि, इन तकनीकी बातों पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। इसकी वजह से शहर को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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1दरवाजे के लगे होने से स्टोप डेम के ऊपर की तरफ, शहर मे बाढ़ की स्थिति में पानी बहुत ज्यादा फेलेगा और विकट स्थिति पैदा करेगा ।
2 यह स्टॉप डेम बंद होने की वजह से जो पानी दो ढाई मीटर ऊपर से गिर रहा है, वह डाउनस्ट्रीम के हिस्से को एप्रैन को नुकसान पहुंचाएगा और हो सकता है यह इसके फाउंडेशन को भी क्षति पहुंचाए।
3 तीसरा इसकी वजह से जो कचरा बह जाना चाहिए था वह नहीं बह पाएगा। और यही गाद/कचर वही जमा रहेगा। जिसे अगली गर्मी में ,नदी सफाई अभियान के अंतर्गत, पैसा देकर निकालने का कार्य करना होगा।

इन बातों पर तत्काल ध्यान देकर स्टॉप डेम के जो दरवाजे या पटिए है उसे निकाल लेना चाहिए।अन्यथा भारी बरसात में यह शहर के लिए बहुत दुखदाई होगा ।