नशे का हब न बन जाए इंदौर,जागरूकता व सख्ती जरूरी: मालू

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इंदौर। शहर की पुलिस ने जिस तत्परता से नकली ब्राउन शुगर नशा बेचने के गिरोह का पर्दाफाश किया वह बधाई की हक़दार है। ड्रग से युवा की जिंदगी तो बर्बाद की ही जा रही है,यह अपराध भी बढ़ा रही है जो अंततः आतंकवाद की सम्भावना भी बढ़ाती है। आज खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने पुलिस की सराहनीय पहल के साथ ड्रग पैड़लरों की जानकारी इकट्ठा कर सघन जांच के लिए एक सेल बनाने की बात कही।

उन्होंने कहा कि शहर में नशे की शैडो एरिया को पुलिस को चिन्हित करना चाहिए।शैडो एरिया वह स्थान है जहां पर बदमाश छुपकर दड़बो में या फिर अंधेरे मैदानों में बैठ कर नशा करते हैं, ऐसे डेढ़ सौ स्थान शहर में है जहां नशाखोरी खुलेआम होती है. रात में ढाबों पर गोपनीय ढंग से शराबखोरी कराई जाती है, ढाबे संचालक डिस्पोजल गिलास को स्टील के गिलास में भरकर बिठा देते हैं, खंडवा रोड से लेकर देवास नाके तक स्थानों पर शराब खोरी होती है. दवा बाजार से प्रतिबंधित ड्रग्स बदमाशों दलालों के माध्यम से निकलती है, शहर में बंगाल और कोलकाता से गांजा व ड्रग आती है. इसका कई इलाके के बदमाश पूरे शहर में कारोबार करते हैं. अभी कल कलकत्ता एयरपोर्ट पर 132 करोड़ की हेरोइन जब्त हुई, इंदौर में इनकी धरपकड़ जरूरी है.

दवा बाजार में कई ऐसे ड्रग डीलर हैं,जिनके यहां कर्मचारी काम करते हैं, उनका कोई वेरिफिकेशन नहीं है. कुछ तो अपराधी किस्म के लोग हैं जो नाइट्रावेट और नाइट्राइजपम जैसी नशीली प्रतिबंधित दवाओं के पैकेट से निकालकर गोपनीय ढंग से बेचते हैं. इनका सिंथेटिक ड्रग में भी उपयोग तो किया ही जाता है, दवाओं के नाम पर कार्टून में नशीली ड्रग छुपाकर लाते हैं, इसलिए रेंडम जांच हर दवा के कार्टून की करना चाहिए. पुलिस ने हेल्पलाइन नम्बर भी जारी कर रखा है,जनता से उनकी पहचान छुपाने के आश्वासन के साथ ऐसे कारोबारियों की सूचना देने का आग्रह करना चाहिए, नागरिकों को भी जागरूक होना पड़ेगा.