इंदौर: भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू ने रेलवे बोर्ड के चैयरमेन अनिल लाहोटी को इंदौर की रेल सुविधाओं के लिए विस्तृत प्लान सौंपा

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इंदौर। रेलवे बोर्ड के चैयरमेन आज इंदौर आए। भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू ने उन्हें इंदौर की रेल संबंधी समस्याओं और यहां की जरूरतों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। मालू ने कहा कि इंदौर मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण शहर है। यहां से पूरे देश में आवागमन होता है। लेकिन, रेल्वे की सम्बद्धता अपेक्षाकृत कम महसूस होती है।

गोविंद मालू ने उन्हें जानकारी दी कि टिही टनल के आगे का काम शुरू नही हुआ। इंदौर-दाहोद रेलमार्ग के 202 किमी में से 50 किमी ही बन सका है। आमान परिवर्तन कार्य जारी है, इसलिए महू से खंडवा मार्ग को डबलिंग किया जाना चाहिए। ज्ञापन में मांग की गई कि 220 नई ट्रेनों के संचालन की घोषणा हुई थी, उसमें से इंदौर को मात्र एक ट्रेन मिली। अजमेर के लिए इंदौर से सीधी रेल चलाई जाए, जो जयपुर तक जाए। पहले अजमेर के लिए 3 ट्रेन थी, अब एक भी नहीं चलती।

अपने ज्ञापन में गोविंद मालू ने रेलवे बोर्ड के चैयरमेन को लिखा कि इंदौर की रेल सुविधाओं और रेल्वे राजस्व की दृष्टि से कुछ बिंदुओं को प्रस्तुत कर रहा हूँ। इंदौर के व्यापक हित में इन पर विचार किया जाकर निर्णय लेने की अपेक्षा और आग्रह है। ज्ञापन में मांग की गई कि इंदौर से भोपाल (रानी कमलापति) के बीच एक अतिरिक्त इंटरसिटी ट्रेन की बहुत ज्यादा जरूरत है। इसे भोपाल से सुबह 6 बजे देवास-मक्सी होकर चलाया जाना चाहिए। ताकि, यह ट्रेन सुबह साढ़े 9 बजे तक इंदौर आ जाए और फिर सुबह 10 बजे रानी कमलापति के लिए रवाना हो। दोपहर दो बजे तक यह ट्रेन रानी कमलापति पहुंचकर ढाई बजे फिर भोपाल से चले और शाम 6.30 बजे तक इंदौर आकर शाम सात बजे इंदौर से रवाना हो जाए।

इंदौर-भोपाल के बीच काफी ट्रैफिक है और हर 15-20 मिनट में बसें उपलब्ध हैं। भोपाल के लिए जो ट्रेनें हैं, उनमें से ज्यादातर उज्जैन होकर भोपाल जाती हैं, जिसमें समय और धन, दोनों ज्यादा लगता है। उज्जैन होकर भोपाल जाने वाली ट्रेनों का इंजन रिवर्सल भी करना पड़ता है। देवास-मक्सी रूट से भोपाल के लिए नई ट्रेनें चलेंगी, तो यह परेशानी भी दूर होगी।

अभी इंदौर से हरिद्वार और देहरादून को जोड़ने वाली ट्रेन सप्ताह में दो दिन चलती है। ऐसी ही ट्रेन उज्जैन-देहरादून के बीच सप्ताह में दो दिन उज्जैनी एक्सप्रेस के रूप में चलती है। इस ट्रेन का मक्सी से देहरादून के बीच का टाइम टेबल (पाथ) समान है। रेलवे यदि उज्जैनी एक्सप्रेस फतेहाबाद होकर इंदौर तक बढ़ा दे, तो इंदौर से चार दिन नई दिल्ली, हरिद्वार और देहरादून के लिए सीधी रेल सुविधा मिलने लगेगी। अभी उज्जैनी एक्सप्रेस में सवार होने के लिए यात्रियों को इंदौर-उज्जैन का सफर बसों, निजी टैक्सियों या दूसरी ट्रेनों में करना पड़ता है, जिससे उन्हें तकलीफ होती है। अभी उज्जैनी एक्सप्रेस उज्जैन स्टेशन पर 17 घंटे फालतू खड़ी रहती है।

करीब पांच साल पहले तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भोपाल में रेलवे सप्ताह के दौरान इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस को रोज चलाने और इस ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा देने की घोषणा की थी। यह घोषणा आज तक पूरी नहीं हो पाई है। यह बहुत लोकप्रिय ट्रेन है, लेकिन सप्ताह में तीन दिन ही चलती है। यह ट्रेन मालवा को दमोह, सागर के अलावा यूपी-बिहार और बंगाल से भी जोड़ती है और लगभग सालभर पैक चलती है। इस ट्रेन को नियमित किया जाए।

इंदौर से गुना होते हुए ग्वालियर के लिए दिन में इंटरसिटी ट्रेन चलना चाहिए। अभी इस रूट पर ज्यादातर रात्रिकालीन ट्रेन चलती हैं। मक्सी से शाजापुर होते हुए गुना-शिवपुरी-ग्वालियर रूट शुरुआत से काफी उपेक्षित रहा है और इस रूट का पूरा दोहन नहीं हो पाया है। इंदौर-ग्वालियर के लिए सीटिंग क्षमता वाली इंटरसिटी चलेगी, तो हजारों व्यापारियों, छात्रों और अन्य नागरिकों को फायदा होगा।

अयोध्या में राम मंदिर फरवरी-2024 में बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन इंदौर और मालवा की अयोध्या से सीधी रेल कनेक्टिविटी नहीं है। यही हाल गोरखपुर का भी है। इंदौर को अयोध्या होते हुए गोरखपुर के लिए सीधी रेल सेवा की दरकार है। इससे अयोध्या आने-जाने वाले लोगों को बड़ी सहूलियत होगी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, भिलाई और दुर्ग जैसे शहरों के लिए इंदौर के पास कोई रोज चलने वाली ट्रेन नहीं है। इंदौर-जगन्नाथपुरी हमसफर एक्सप्रेस सप्ताह में केवल एक दिन चलती है। रेलवे को सुविधाजनक टाइम टेबल के साथ इंदौर से रायपुर के बीच प्रतिदिन ट्रेन चलाना चाहिए, जिससे यात्रियों को भोपाल में ट्रेन बदलकर छत्तीसगढ़ नहीं जाना पड़ेगा।