कलेक्ट्रेट के बाबू मिलाप चौहान के कारनामों की जो जांच हुई उसमें हैरान करने वाले खुलासे सामने आये है। जिसमें लगभग 7 करोड़ की राशि में से साढ़े 5 करोड़ रुपए कलेक्टर बाबू ने 22 खातों में ट्रांसफर किए हैं। वहीं इस मामले में बाबू चौहान के साथ अन्य दो लोगों भी दोषी पाए गए।
दरअसल, इस घोटाले में मिलाप चौहान ने सभी खाते पत्नी, परिवार और कई रिश्तेदारों के नाम से खुलवाए गए थे। इन खातों में सरकारी राशि ट्रांसफर की गई, यहां तक कि कोविड-19 के समय मुआवजे का रुपया और किसानों की आई मुआवजा राशि को भी बाबू मिलाप चौहान ने इन खातों में ट्रांसफर किया। इसके साथ ही फार्म हाउस खरीदी से लेकर महिलाओं, कॉल गर्ल पर भी 70 लाख रुपए से अधिक खर्च किये।
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बता दें, इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने इस पुरे मामले पर एक कमेटी बनाई है। जिसे अपर कलेक्टर राजेश राठौर इस मामले में लीड कर रहे हैं। लेखापाल के सभी ट्रांजैक्शन की भी जांच की जा रही है। वहीं कलेक्टर इलैयाराजा ने बताया, बीतें वर्ष 2020 से लेखापाल द्वारा यह गड़बड़ी की जा रही थी, लेकिन इस दौरान किसी ने नहीं पकड़ी। इसके साथ ही 3 वर्षों में धीरे-धीरे लेखापाल ने एक करोड़ रुपए अपनी पत्नी के खाते में डलवा दिए।