Indore : माउंट लिट्रा जी स्कूल में रोबोटिक्स कार्यशाला का आयोजन, हाइटेक रोबोटिक्स लैब की हुई शुरुआत

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इंदौर(Indore): माउंट लिट्रा जी स्कूल में राजा रमन्ना प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरकैट) इंदौर द्वारा परमाणु ऊर्जा विभाग आइकोनिक सप्ताह समारोह में कई वैज्ञानिक शामिल हुए है। माउंट लिट्रा जी स्कूल में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत रोबोटिक्स कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए रोबोटिक्स लैब का शुभारंभ भी किया गया। कार्यक्रम मेंआरआरकेट इंदौर के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, डॉ शोवन के मजूमदार वरिष्ठ वैज्ञानिक, आरआरकेट में लेजर बायोमेडिकल एप्लिकेशन के प्रमुख, डॉ सुनील वर्मा वैज्ञानिक, लेजर में वैज्ञानिक श्री विजय कुमार शामिल हुए।

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रोबोटिक्स लैब के शुभारंभ पर माउंट लिट्रा जी स्कूल के चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। इस लैब का शुभारंभ आरआर कैट के वैज्ञनिकों के साथ माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल के सीईओ श्री रूपेश वर्मा, श्री श्याम अग्रवाल प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल श्रीमती मौमिता चटर्जी द्वारा किया गया।

रोबोटिक्स की दुनिया में हर दिन नए बदलाव

रोबोटिक्स क्लब का उद्घाटन समारोह डॉ. शोवन के. मजूमदार ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी के आसपास अब कई रोबोटिक्स तकनीक मौजूद है। इन सभी में मैकेनिकल,इलेक्ट्रॅानिक्स,इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के साथ मिलकर बनाई गई चीजों को हम दिन रात उपयोग करते है। अब इन सभी चीजों को रोबोटिक्स के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हाइटेक और समझदार बनाने में मददगार साबित हो रहा है।

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उन्होंने कहा कि हमारे हिंदुस्तान में जब मानव और शालू नाम के दो रोबोट्स बनाए गए तो किसी ने सोचा नहीं था कि रोबोटिक्स की दुनिया इतनी बड़ी बन जाएगी। आज मशीन लर्निंग और चिप डिजाइनिंग की दुनिया में नए बदलाव देखने को मिल रहे है।रोबोटिक्स ने अब यूरेनियम से लेकर केमेस्ट्री लैब में होने वाले कई खतरनाक रिसर्च को भी काफी आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि साइंस के क्षेत्र में आपको हर वक्त सवाल पूछने के लिए तैयार रहना चाहिए है। हम सभी स्कूली बच्चों को हम विश्वस्तरीय लैब आरआर कैट में विज्ञान की विरासत से रूबरू होने का मौका भी देंगे।

हमारे ऋषि मुनि सबसे पहले वैज्ञानिक

डॉ. सुनील वर्मा ने कहा कि हमारे ऋषि और मुनि हमारे देश के पहले वैज्ञानिक थे। आज उनकी गणनाएं और रिसर्च के बदौलत हमारे देश में विज्ञान को भी एक नई दिशा मिली है। उन्होंने विद्यार्थियों को भारत के वैज्ञानिक इतिहास के साथ छात्रों को आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त,सीवी रमन,एपीजे अब्दुल कलाम आदि प्राचीन और आधुनिक भौतिकी के योगदान के बारे में भी बताया।विज्ञान के क्षेत्र में आरआरकेट के योगदान पर विज्ञान और प्रस्तुतियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक लघु फिल्म प्रस्तुत की गई। बच्चों के लिए खासतौर पर एक क्विज कॅाम्पीटिशन भी हुआ।

Source : PR