Indore Metro Update : इंदौरवासियों को जल्द मिलेगी मेट्रो की सौगात, लगभग 93 प्रतिशत काम हुआ पूरा, जानिए क्या होगा स्पेशल

Shivani Rathore
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*विपिन नीमा *

इंदौर : देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में सुलभ और सुगम यातायात के लिए इंदौर मेट्रो रेल प्रायोरिटी कॉरिडोर का कार्य पूर्ण होने की और तेजी से बढ़ रहा है। मेट्रो में यात्रियों के लिए इतनी सुविधाए रहेगी उनका सफर यादगार बन जाएगा। ट्रायल रन शुरू होने में अब केवल 60 से 65 दिन का समय बचा है। शहर की मेट्रो कैसी होगी और उसमें क्या क्या सुविधाएं रहेगी इसमें कौन कौन सी टेक्नालॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, यात्रियों की सुरक्षा आदि जैसी कई जानकारियां सामने आई है।

ताज़ा जानकारी के मुताबिक सभी 16 मेट्रो स्टेशन के पियर (ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल) का कार्य लगभग 93% पूर्ण हो गया है। इसके अलावा मेट्रो के डिपो गांधीनगर में चल रहे कई निर्माण कार्यों की ताजा जानकारियां अपडेट हुई है। जैसे डिपो के टेस्ट ट्रेक 100 %, स्टेब्लिंग शेड का कार्य 65%, अर्थवर्क्स (फिलिंग) का कार्य 95 प्रतिशत तथा एडमिन बिल्डिंग का कार्य 67 % पूर्ण हो चुका है। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह की देखरेख में इंदौर – भोपाल में सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के लिए तेजी से काम चल रहा है। वे लगातार इसकी समीक्षा भी कर रहे हैं।
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इस वजह से मेट्रो
की स्पीड 90 की
बजाय 80 रखी गई है
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मेट्रो ट्रेन का उद्देश्य शहरी यातायात को सुविधाजनक बनाना है एवं मेट्रो रेल स्टेशन एक- दूसरे से काफी करीब रहते हैं। इसी वजह से मेट्रो रेल सिस्टम को 90 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के हिसाब से डिजाइन किया गया है, लेकिन यात्री सेवा में मेट्रो रेल अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। मेट्रो रेल स्टेशन एक – दूसरे के करीब है इस वजह से मेट्रो की स्पीड 90 की बजाय 80 रखी गई है ताकि एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर आसानी से रुक सके। बताया गया है की लगातार चलने वाली दो ट्रेनों के बीच के समय अंतराल को हेडवे के रूप में जाना जाता गया है। इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट में ट्रेनों को 90 सेकेंड हेडवे के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि, यह पैसेंजर के ट्रैफिक के हिसाब से भी तय किया जाएगा।
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ट्रेन के दोनों DMC
कोचों में रहेगा एक
इमरजेंसी गेट
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मेट्रो ट्रेन में दो ड्राइविंग मोटर कोच (डीएमसी) और एक ट्रेलर कोच (टीसी ) शामिल रहेंगे। हर कोच में कुल 8 द्वार होंगे, चार एक तरफ और चार दूसरी तरफ। इसके साथ ही ट्रेन के दोनों डीएमसी कोचों में एक इमरजेंसी गेट होगा, जिसे आगे की तरफ डिटेनमेंट डोर कहा जाता है, जिसे किसी आपात स्थिति में यात्रियों के निकलने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसी प्रकार इंदौर मेट्रो रेल यात्रियों की सुविधा के लिए बहुत ही अत्याधुनिक एयर कंडीशनिंग सिस्टम रहेगा, जिसकी एयर कूलिंग यात्री भार के अनुसार अलग-अलग होगी। एयर कंडीशनिंग सिस्टम को एयर फिल्ट्रेशन में रोगाणु नियंत्रण के साथ डिजाइन किया गया है।
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अलग अलग तरह की
डिस्प्ले यूनिट लगाई
जाएंगी मेट्रो रेल में
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इंदौर मेट्रो रेल में डिस्प्ले यूनिट का काम काफी अहम है। ट्रेनों में अलग-अलग तरह की डिस्प्ले यूनिट लगाई जाएंगी, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान ट्रेन के रूट, गेट खुलने की दिशा, अगले स्टेशन आदि की सही जानकारी मिलती रहे। सभी के ऊपर ट्रेन के अंदर अलग-अलग तरह की डिस्प्ले यूनिट लगाई जाएंगी, साथ ही ट्रेन के सामने और ट्रेन के बाहर डिब्बे के साइड में भी डिस्प्ले यूनिट लगाई जाएंगी। मनोरंजन और सूचना के उद्देश्य से कोच के अंदर डिस्प्ले में इंफोटेनमेंट सिस्टम की भी व्यवस्था होगी। इंफोटेनमेंट सिस्टम का उपयोग लोगों का मनोरंजन करना और जानकारी देना दोनों है। इसी प्रकार लाउडस्पीकरों के माध्यम से यात्रियों को अतिरिक्त जानकारी के लिए एक लयबद्ध अनाउंसमेंट सिस्टम होगा ।
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मेट्रो प्रोजेक्ट के
कार्यों की आज तक
की ताजा स्थिति
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▪️वायडक्ट के
ओपन फाउंडेशन
का कार्य 59% पूर्ण
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▪️सभी 16 मेट्रो स्टेशन के
पियर (ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल) का कार्य 93% पूर्ण।
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▪️ गाँधी नगर डिपो के टेस्ट ट्रैक
(लेइंग – कम्पैशन जीएसबी – सेकण्ड लेयर) का कार्य 100% पूर्ण ।
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▪️ डिपो के स्टेब्लिंग शेड का कार्य 65% पूरा ।
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▪️एडमिन बिल्डिंग का कार्य 67 % पूर्ण हो चुका है।
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▪️डिपो के अर्थवर्क्स (फिलिंग) का कार्य 95 प्रतिशत पूरा