इंदौर। शहर में बिजली मीटरों पर क्यूआर कोड लगना प्रारंभ हो गए है। ये क्य़ूआर कोड मप्रपक्षेविविकं के इंजीनियरों ने ही डिजाइन किए हैं, क्यूआर कोड के स्टीकर पर उपभोक्ता का नाम, पता, आईवीआरएस नंबर आदि भी लिखे है। अब रीडर उपभोक्ताओं के घर पर पहुंचने पर क्यूआर कोड स्कैन करेगा। यह कार्य मात्र दो सेकंड में हो जाएगा, इसके बाद रीडिंग के अंक डालकर मीटर का फोटो अपलोड करेगा। पूरी प्रक्रिया में मात्र 8-9 सेकंड का वक्त लगेगा। अब तक इस कार्य में 40 से 60 सैकंड लगते थे। मप्रपक्षेविविकं इंदौर के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल ने बताया कि उपभोक्ता सेवाओं में वृद्धि करने एवं शिकायतों में कमी लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। शहर के मीटरों पर क्यूआर कोड लगाना भी इसमें से एक है। इससे रीडरों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। क्यूआर कोड के जरिए ही रीडिंग होगी, इसके लिए रीडरों का समय पर घरों पर पहुंचना जरूरी होगा, इससे ठीक प्रकार से रीडिंग नहीं होने की शिकायतों में कमी आएगी।
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