गोलियां चलाने वाले गुंडों को इंदौर पुलिस ने सिखाया सबक, निकाला जुलूस

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इंदौर। मध्यप्रदेश का इंदौर शहर हमेशा अपनी सफाई के लिए जाना जाता है लेकिन वहीं दूसरी ओर अब इंदौर पुलिस उसके सबक सिखाने के अंदाज से भी जाने जाने वाली है। दरअसल कल तक जो बदमाश लाखों रुपये कीमती लग्जरी कारों में घूमते थे, वो मंगलवार को शर्म से पसीना-पसीना होते नजर आये। जिस कालोनी में सीना ताने कर चलते थे वहा वो गर्दन झुकाए चल रहे थे। सिपाहियों ने डंडे लगाए तो कान पकड़कर गिड़गिड़ाने लगे। वही पुलिस ने घरों की तलाशी ली, तो कट्टा-पिस्टल और चाकू बरामद हुए। वहीं जब ये बदमाश इंदौर की सड़कों पर चल रहे थे तब वहां लोगो का मजमा लग गया।

वहीं विजय नगर थाना टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक पुलिस आरोपितों के घरों से हथियार जब्ती करना चाहती थी। शाम करीब साढ़े छह बजे पांचों आरोपितों को उनके घर ले गए। सबसे पहले भाऊ को महालक्ष्मी नगर ले गए, लेकिन रास्ते में गाड़ी खराब होने से पैदल ही ले जाना पड़ा। पांचों बदमाशों को हथकड़ी लगा रखी थी। उनकी कई लोगों से दुश्मनी है, इसलिए बल भी ज्यादा था। इतनी संख्या में पुलिसकर्मियों को देख भीड़ लग गई। भाऊ और रितेश के हाथ में पट्टा बंधा था।

आपको बता दें कि, मोनू के पैर में फ्रैक्चर है, इसलिए वह डंडे के सहारे चल रहा था। रितेश करोसिया चिंटू ठाकुर का शूटर है और उसके सामने हाथ बांधे खड़ा रहता है, लेकिन मंगलवार को चिंटू ही उसके हाथ का सहारा बना। गौरतलब है कि, गुंडों का ऐसा हश्र लोगो ने पहली बार ही देखा होगा जिसके चलते उन्हें देख लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने तलाशी ली और पिस्टल जब्त कर ली। इसके बाद सूजीत को सूरज नगर, प्रमोद को राम नगर और रितेश को बंगाली चौराहा ले गए।

टीआइ ने बताया कि, रितेश चिंटू का खास शूटर है। वह उससे 10 हजार रुपये महीना लेता था। उस पर करीब 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। चिंटू के इशारे पर ही उसने एमवाय अस्पताल में कैदी रामदयाल कोरकू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। साथ ही पूछताछ में बताया वह पिता कमल करोसिया से नाराज है। उसने चार शादियां कर ली, इसलिए उससे नफरत करने लगा था। कमल को लगता था रितेश उसकी भी हत्या कर सकता है। छोटे भाई को भी अपराधी बनाएगा, इसलिए उसने ही मुखबिरी कर पकड़वा दिया।