इंदौर । निगम की कार्य प्रणाली, स्वच्छता अभियान के साथ ही आईटी के संबंध में जाल सभागृह में आयोजित पार्षद प्रशिक्षण के प्रथम सत्र का महापौर पुष्यमित्र भार्गव, आइडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चांवडा, सभापति मुन्नालाल यादव द्वारा दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया। इसके पश्चात प्रशिक्षण के अन्य सत्र में पूर्व लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी, बाबुलाल रघुवंशीे व शहर के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियो जिनमें पूर्व निगमायुक्त सीबी सिंह, अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, अभिषेक गेहलोत व अन्य की उपस्थिति में पार्षद प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर समस्त महापौर परिषद सदस्य, पार्षद दल के सचेतक, उपसचेतक, कोषाध्यक्ष, सदस्य व बडी संख्या में पार्षदगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सचेतक कमल वाघेला ने किया तथा आभार एमआईसी सदस्य राकेश जैन ने माना।
पार्षद प्रशिक्षण सत्र के प्रांरम्भ में महापौर भार्गव ने बताया कि निगम के समस्त पार्षदगणो को निगम के कार्यप्रणाली, अधिनियम के साथ ही स्वच्छता अभियान, आईटी एवं सोशल मीडिया के क्षेत्र में उनकी भूमिका व विकास कार्याे के विस्तार के लिये जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियो द्वारा विस्तार से चर्चा की गई। उन्होने कहा कि विगत 4 परिषद मे हमारे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियो द्वारा इंदौर शहर के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इंदौर के वैभव व संस्कृति को स्थापित करने में निगम की महत्वपूर्ण भूमिका है। नगर निगम इंदौर नागरिको को मूलभुत सुविधाऐं उपलब्ध कराने के साथ ही शहर विकास के लिये भी काम करने की नगरीय इकाई है।
महापौर भार्गव ने कहा कि निगम की वर्तमान परिषद में बडी मात्रा में नये पार्षदगण आते है, निगम की कार्य प्रणाली व निगम के कार्यो के अनुभव को सांझा करने की दृष्टि से आज वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व अधिकारियो द्वारा विचार-विमर्श किया गया। उन्होने कहा कि इंदौर के वर्तमान व पूर्व के क्षेत्रफल, बजट व विकास की श्रृंखला के स्वरूप में बहुत बडा अंतर है। इंदौर की स्वच्छता इंदौर की ब्राण्ड है, स्वच्छता का सिरमौर बने रहना हमारे लिये चुनौती है। उन्होने कहा कि शहर विकास के साथ ही डिजिटल इंदौर के लिये भी सभी पार्षदो को काम करना है, वर्तमान में आईटी तथा सोशल मिडिया के माध्यम से किस प्रकार से अपने आपको अपडेट करना है, सोशल मिडिया का कितना महत्व है, जनप्रतिनिधि केा किस प्रकार से प्रशासनिक अधिकारियो के साथ समन्वय कर शहर विकास में अपनी भूमिका स्थापित करनी है, को दृष्टिगत रखते हुए, कार्यशाला में पार्षदगणो को वरिष्ठो द्वारा मार्ग-दर्शन दिया गया है।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पार्षद प्रशिक्षण सत्र के दौरान कहा कि जनप्रतिनिधि व नागरिको के मध्य किस प्रकार का लोकाचार होना चाहिये, किस प्रकार से जनप्रतिनिधि का जनता के साथ व्यवहार होना चाहिये, ताकि शहरहित में नागरिको के सहयोग से बुनियादी विकास कार्य किये जा सके। उन्होने कहा कि नागरिको द्वारा जब जनप्रतिनिधियो को अपनी समस्याऐं सुनाई जाती है तो जनप्रतिनिधि को धीर गम्भीर होकर उसको सुनने के साथ ही उसके निराकरण के लिये भी कार्य करना चाहिये। साथ ही उन्होने अपने कार्यकाल के दौरान किये गये कार्यो के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि जब मैं प्रथम बार पार्षद बना तो मैने किस प्रकार से उस वक्त बजट के माध्यम से विकास कार्य किये इस पर विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होने कहा कि आज मैं वर्तमान में सांसद हॅू, आज केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओ के माध्यम से नागरिको को लाभ पहुंचाया जा रहा है, आज व पूर्व के बजट के स्वरूप में बहुत ही अंतर है। शासन की बहुउददेश्यीय योजनाओ को अंतिम व्यक्ति तक किस प्रकार से पहुंचाना जनप्रतिनिधियों का काम है, इस पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।
आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चांवडा ने कहा कि इंदौर की विकास यात्रा का क्रम इसी प्रकार से चलता रहे, इसके लिये जरूरी है कि नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधिगण शहर विकास के लिये किस प्रकार से काम करे और कठिन समय में किस प्रकार से शहरहित के लिये छोटे-बडे निर्णय लिये जाते है, उनपर अमल करते हुए, कार्य करना व समन्वय व संयम बनाया रखना कितना आवश्यक है, इस पर भी प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि इंदौर की जागरूक जनता केे सहयोग से इंदौर स्वच्छता में लगातार 6 बार सिरमौर रहा है, इसको आगे भी कायम रखना हमारा लक्ष्य होना चाहिये। पूर्व निगमायुक्त सीबी सिंह ने कहा कि किस प्रकार से मेयर इन कौंसिल के माध्यम से वार्ड में विकास कार्य किये जाते है, किस प्रकार से वार्ड क्षेत्र में कार्यो का चयन करना, निर्माण कार्यो की फाईल बनाना, लोकाचार के साथ ही जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियो में किस प्रकार से समन्वय बनाये रखकर शहर हित में विकास कार्य करने के संबंध में भी विस्तार से पार्षदो को जानकारी दी गई।
अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने कहा कि स्वच्छता के सिरमौर को बनाये रखने के लिये मान. महापौर जी के निर्देशन में समस्त वार्डो के मध्यम वार्ड स्तरीय स्वच्छता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जनप्रतिनिधि व नागरिक मिलकर इंदौर को स्वच्छता के शिखर पर बनाये रखने में सहयोग करेगे। उन्होने वार्ड स्तरसीय स्वच्छता प्रतियोगिता की कार्य योजना व रोडमेप के संबंध में प्रेजेटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई। आईटी विशेषज्ञ हर्षा ने कहा कि वर्तमान युग डिजिटल युग है, इस में आईटी का महत्वपूर्ण योगदान है, शासन की योजनाओ को जनता तक पहुंचाने तथा योजना का लाभ पहंुचाने में आईटी का महत्वपूर्ण योगदान है, जनता के साथ सोशल कनेक्टीविटी के माध्यम से किस प्रकार से नेटवर्क तथा सोशल मिडिया के माध्यम से जनप्रतिनिधियो को जोडे रखना है, इस पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।
अपर आयुक्त अभिषेक गेहलोत ने कहा कि निगम में आईटी के माध्यम से किस प्रकार से कार्य किया जाता है, इसके संबंध में जानकारी देते हुए, कहा कि नगर निगम इंदौर में नागरिको की समस्याओ के समाधान के लिये इंदौर 311 एप जारी किया गया था, जिसके माध्यम से नागरिक घर बैठे ही अपनी समस्याओ का समाधान करने के साथ ही विभिन्न सेवाओ को प्राप्त कर रहे है, समय-समय पर इंदौर 311 एप को अपडेट किया जाता है, उन्होने कहा कि मान. महापौर जी के निर्देशन में पहली बार इंदौर ने डिजिटल बजट प्रस्तुत किया है, जो कि इंदौर के साथ ही निगम को डिजिटल सीटी बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रखेगा।