इंदौर : नगर प्रतिनिधि, आखिरकार इंदौर एक बार फिर सफाई में नंबर-वन आ गया है, जिसकी घोषणा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने दिल्ली से वर्चुअल पुरस्कार वितरण समारोह में की। घोषणा सुनते ही शहर के लोग खुशी के मारे झूम उठे। जो कर्मचारी जहां था, वहां सबने जश्न मनाना शुरू कर दिया।
इंदौर चौका लगाएगा, इसकी उम्मीद शुरू से थी, लेकिन नवी मुंबई, राजकोट जैसे शहर हमें चुनौती देने की कोशिश कर रहे थे। इन सबसे आगे बढ़कर इंदौर ने कचरे के निपटारे के मामले में सौ फीसद काम किया। इंदौर में सूखा और गीला कचरा अलग करने के साथ-साथ हर रोज बारह सौ टन से ज्यादा कचरे का निपटारा करने और उससे होने वाली कमाई के मामले में इंदौर सबसे आगे हैं। आज सुबह ग्यारह बजे दिल्ली से केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने समारोह की शुरुआत की।
उन्होंने अलग-अलग शहरों के लोगों से पूछा कि कैसे कचरे से निपटारा किया जाता है। गांव में शौचालय और शहरों में चले स्वच्छता अभियान की चंद कहानियां स्वयं सहायता समूह ने बताना शुरू की। उज्जैन के बारे में बताया कि महाकाल मंदिर से निकलने वाले फूल का उपयोग किस तरह से किया गया, ये भी बताया गया। शहरी विकास मंत्रालय के अफसरों ने बताया कि पुरस्कार का क्राइट एरिया क्या था। सारे मापदंडों का खुलासा किया।
भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ इंदौर की पूर्व मेयर मालिनी गौड़, कलेक्टर मनीषसिंह, आशीषसिंह, प्रतिभा पाल और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्रसिंह भी लाइव प्रसारण देख रहे थे। जापान वाले इंदौर में गंदगी देखने आए थे, मिली नहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इंदौर को पहला पुरस्कार सफाई के लिए देने की घोषणा करते हुए कहा कि मैं जब इंदौर में आया था, जब मैंने जापान वालों से पूछा था कि आपने इंदौर में क्या देखा, तो उन्होंने बोला कि हम इंदौर में गंदगी देखने गए थे, लेकिन मुझे कहीं नहीं मिली।
मंत्री ने कहा कि इससे अच्छा सम्मान इंदौर को क्या मिल सकता है कि जापान वाले जब इंदौर आए, तो उन्हें कहीं गंदगी नहीं मिली। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से कहा कि मैं आपको और इंदौर वालों को बधाई देता हूं। जैसे ही पुरस्कार की घोषणा हुई मुख्यमंत्री सहित सभी ने खड़े होकर तालियां बजाईं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि हम सफाई के मामले में और नए आयाम बनाएंगे। मध्यप्रदेश के हर शहर और गांव को नंबर-वन बनाने की कोशिश करेंगे। सफाई में दूसरा पुरस्कार सूरत, तीसरे पर नवी मुंबई रहा है।