इंदौर: इन दिनों एक बार फिर से मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में ज्यादा कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। लेकिन इंदौर भोपाल सहित प्रदेश के कई शहरों में कोरोना के केस कम निकल रहे हैं ऐसा आखिर क्यों हो रहा है? इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बीते दिन एमजीएम मेडिकल कालेज में तीसरी लहर की तैयारी के संबंध में कालेज के सभी विभागाध्यक्षों के साथ चर्चा कर इस सवाल का जवाब पूछा। साथ ही इस चर्चा के साथ उन्होंने कलेक्टर को निर्देश दिया कि शहर में 12 से 18 वर्ष की आयु के सौ बच्चों-किशोंरों का एंटीबाडी सर्वे किया जाए।
आपको बता दे, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की तरह मरीजों की संख्या प्रदेश में न बढ़े इसके लिए पहले से उपाय करने होंगे। हमारी कोशिश कोविड टीकाकरण में तेजी लाने की है। इससे तीसरी लहर की संभावना कम होगी। ऐसे में केस आएंगे भी तो लोगों को अस्पतालों में जाने की जरूरत कम होगी। टीके की पहली डोज से सुरक्षा मिलती है और दूसरी डोज लगने पर 90 फीसद केस में अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होती है। वहीं अब तक इंदौर में 82 फीसद लोगों को पहली डोज लग चुकी है।
आगे बताया गया कि इंदौर में टीकाकरण जल्द पूरा हो इसकी कोशिश लगातार जारी है। हमारा प्रयास यह है कि तीसरी लहर आए या न आए, अस्पतालों पर जितना लोड दूसरी लहर में था उतना न बढ़े। स्वास्थ्यकर्मियों को बूस्टर डोज लगाए जाने पर वे बोले अभी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने इसे लेकर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि वहां से दिशानिर्देश मिलेंगे तो बूस्टर डोज लगाएंगे। मेडिकल कालेज में हुई बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, डीन डा. संजय दीक्षित, सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या भी शामिल हुए।