Indore News: बुजुर्गो के आवास के लिए संस्था( आश्रय मंदिर) का होगा निर्माण, सोनू सूद ने मिलाया हाथ

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इंदौर बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार करने पर शहर शर्मसार हुआ वही सामाजिक कार्यकर्ता और रुपहले पर्दे के कलाकार सोनू सूद ने इस मामले में वीडियो जारी कर सहयोग करने की बात कही तो शहर के प्रतिष्ठित व्यवसाई और सांध्य दैनिक 6pm के प्रधान संपादक संजय लुनावत ने अपनी भागीदारी देते हुए सोनू सूद से वीडियो कॉलिंग पर बात करते हुए कहां की बेघर वृद्धों के लिए उनके साथ मिलकर एक ऐसी संस्था( आश्रय मंदिर) का निर्माण करेंगे जिसके माध्यम से वृद्धों को आशियाना देने के साथ ही अच्छा भोजन उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधा दी जाए कई युवाओं के यूथ आईकॉन लुनावत ने सूद को देश के युवाओं का यूथ आईकॉन बताया और उनके द्वारा कोरोना काल में की गई समाज सेवा की प्रशंसा की इस पर सोनू सूद ने उनका शुक्रिया अदा किया।

लुनावत ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि समाज ने हमें जो कुछ दिया है उसे लौटाने का एक समय होता है और यह सही समय है कि हम बेघर वृद्धों के लिए कुछ करें उन्होंने करोड़ों रुपए की जमीन देने की बात भी कही जहां सारा मीडिया और शहर के तमाम बुद्धिजीवी वृद्धों के साथ हुई इस घटना के बाद निगम पर कीचड़ उछाल रहे हैं वहीं लुनावत ने शहर के बेटे होने का फर्ज निभाते हुए अपने शब्द पुष्पों से शहर को एक महान शहर बताया और कहा कि हम स्वच्छता में 4 सालों से देश में अव्वल हैं कुछ लोगों की गलती की वजह से शहर के लोगों पर या पूरे प्रशासन को गलत नहीं ठहराया जा सकता लेकिन कभी-कभी ऐसी गलतियां ठेस तो पहुंचाती है लेकिन इस वजह से कुछ अच्छे कार्यों का सृजन भी हो जाता है।

उन्होंने आगे कहां की सूद के नेतृत्व में इस काम को बड़े पैमाने पर करेंगे ताकि शहर का कोई वृद्ध सड़क पर भटकने के लिए मजबूर ना हो। प्रायः देखा जाता है की जब भी कोई वृद्ध बेसहारा भटक रहा होता है तो उसमें उसकी संतान का कहीं न कहीं दोष होता है लेकिन लुनावत ने ऐसी संतानों को भी माफ करते हुए कहा कि कोई बच्चा अपने मां-बाप को अलग नहीं करना चाहता ना ही कोई मां बाप अपने बच्चों को अलग करना चाहते हैं लेकिन परिस्थितियां ऐसी होती है की यह सब हो जाता है उन्होंने इस बात से यह बता दिया कि मन और वचन से किस प्रकार हिंसा रोकी जा सकती है। सोनू सूद ने जल्द ही इंदौर आने की बात कही और कहां की वे उनके साथ इस कार्य का जल्द ही श्रीगणेश करेंगे। कहने की बात यह है कि बेघर बुजुर्गों के लिए जिंदगी की दूसरी पारी शुरू करने में सूद और लुनावत कप्तान की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं और जिस तरीके से इस पारी का आगाज हुआ है लगता है कि देश के स्कोर बोर्ड पर एक रिकॉर्ड साझेदारी देखने को मिलेगी।