Indore News: संभाग में दो ज़िलों में हुआ आबादी सर्वे की स्वामित्व योजना का शुभारंभ

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इंदौर 30 जनवरी, 2021
इंदौर संभाग के धार और खरगोन जेलों में आबादी सर्वे की स्वामित्व योजना चल रही है। धार ज़िले के कुल 1625 ग्रामों में से 1332 आबादी ग्राम हैं। यहाँ 1280 ग्रामों के प्रकरण आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं खरगोन ज़िले के कुल 1421 ग्रामों में 885 आबादी ग्राम है। यहाँ के 873 ग्रामों के प्रकरण आर.सी.एम.एस. में दर्ज किए जा चुके हैं इंदौर संभाग के अन्य छह ज़िले अभी इस योजना में शामिल नहीं हैं।
बिलखेड़ से हुआ आबादी सर्वे का शुभारंभ
खरगोन जिले की भूमि पर पहली बार जीआईएस आधारित सर्वेक्षण व भूमापन कार्य प्रारंभ हो गया है। गोगावां तहसील के बिलखेड़ गांव से कार्य का शुभारंभ राजस्व और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों ने ड्रोन के माध्यम से प्रक्रिया प्रारंभ की है।
स्वामित्म योजना में प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगा अधिकार अभिलेख
भारत सरकार द्वारा स्वामित्व योजनांतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को अधिकार अभिलेख प्रदान किया जाएगा। मप्र भू-राजस्व संहिता-1959 की धारा 64, 107 (1) (ख) और मप्र भू-राजस्व संहिता (भू सर्वेक्षण व भू-अभिलेख) नियम 2020 के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण संपत्ति का रिकार्ड तैयार होगा, जिससे ग्राम पंचायतें और ग्रामीण आम नागरिक लाभांवित होंगे। इस कार्य के तमाम प्रक्रियाओं के बाद प्रत्येक व्यक्ति को अधिकार अभिलेख पत्र दिया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से सर्वे होगा, जिससे संबंधित गांव की आबादी स्थल की एक इमेजरी तैयार होगी, जिसे आर्थोरेसर्टिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद संबंधित गांव की आबादी भूमि का डिजीटल प्रारूप नक्शा तैयार होगा। इसी के आधार पर ई-अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा।
885 आबादी घोषित गांवों का होगा सर्वे
खरगोन के एसएलआर पवन वास्केल ने जानकारी देते हुए बताया कि सन 1948 के बाद से लगातार समय-समय पर घोषित आबादी गांव की अधिसूचना जारी होती रही है। अब जीआईएस आधारित आबादी सर्वे में आज की स्थिति में जिले में 885 गांवों का सर्वे होगा। ड्रोन द्वारा आबादी सर्वे कर केवल उन संपत्तिधारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा, जो मप्र भू राजस्व संहिता-1959 (यथा संशोधित 2018) के लागू होने की दिनांक 25 सितंबर 2018 को आबाद भूमि पर अधिभोगी है अथवा जिन्हें इस दिनांक के पश्चात विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखंड का आवंटन किया गया।

 

एसडीएम ने ड्रोन का पूजन कर किया श्रीगणेश
बिलखेड़ गांव में ड्रोन द्वारा आबादी सर्वे कार्य प्रारंभ करने से पूर्व एसडीएम सत्येंद्रसिंह ने ड्रोन का पूजन कर श्रीगणेश किया। इसके पश्चात आगे की कार्यवाही प्रारंभ हुई। नायब तहसीलदार दयाराम अवास्या ने बताया कि बिलखेड़ बुजुर्ग तहसील गोगावां में आबादी भूमि का ड्रोन के माध्यम से सर्वे प्रारंभ हुआ है। इस गांव की कुल आबादी 1762 और कुल आबादी भूमि 12 एकड़ 74 डेसीमल है। इस दौरान गोगावां तहसीलदार राधेश्याम पाटीदार भी उपस्थित रहे।

प्रत्येक गांव की ड्रोन से खींची जाएगी फोटो
सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा राजस्व विभाग के पास उपलब्ध वर्तमान नक्शों को प्राप्त कर ड्रोन सर्वे की प्रारंभिक तैयारी की जाएगी। सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा ड्रोन उड़ाकर ईमेजरी के आधार पर प्रारूप नक्शा तैयार कर राजस्व विभाग को उपलब्ध कराएगा। प्रारूप नक्शे को राजस्व विभाग द्वारा दावे-आपत्ति की सुनवाई के पश्चात आवश्यक सुधार के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को देगा। आवश्यक सुधार होने के बाद नक्शे पुनः राजस्व विभाग को उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके पश्चात अभिलेखों का अंतिम प्रकाशन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। ड्रोन उड़ाने के पूर्व क्षेत्र में चुना लाईन डालने का कार्य पटवारी व ग्राम सचिव द्वारा कार्य किया जाएगा।
समितियां करेगी कार्य
आबादी सर्वे के लिए राज्य, जिला, तहसील व ग्राम पंचायत स्तर पर समितियां गठित होगी। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख, अधीक्षक भू-अभिलेख, जिला सूचना अधिकारी, जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस व भारतीय सर्वेक्षण विभाग के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। इसी तरह तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में तहसीलदार, जनपद सीईओ, थाना प्रभारी व भू-अभिलेख द्वारा नामांकित सदस्य तथा ग्राम पंचायत स्तरीय समिति में सरपंच की अध्यक्षता में सचिव, पटवारी, ग्राम कोटवार व ग्राम सभा द्वारा नामांकित 2 सदस्यों की समिति कार्य करेगी।
सर्वें से होगा लाभ
सर्वे होने से विभिन्न हितग्राहियो को लाभ मिलेगा। इनमें हितग्राहियों को ग्रामीण संपत्ति का अधिकार-अभिलेख होना, प्रत्येक संपत्ति धारक को उसकी संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र, संपत्तियों पर बैंक से ऋण लेना असाना होगा, संपत्तियों के पारिवारिक विभाजन, संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया सुगम तथा पारिवारिक संपत्ति के विवाद कम होंगे। इसी तरह ग्राम पंचायत को संपत्ति के शुल्क के रूप में पंचायत को स्थानीय आय के साध्य प्राप्त होंगे। पंचायत स्तर पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा, शासकीय एवं सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा एवं रख-रखाव आसान, संपत्ति संबंधित विवादों में कमी तथा संपत्ति के नामांतरण एवं बटवारा का प्रत्यक्ष अधिकार होगा।