Indore News: कार्यकर्ताओं के घर घर जाकर प्रदेश में भाजपा को मजबूत बनाया था ठाकरे ने

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इंदौर: भारतीय जनता पार्टी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने बताया कि आज भाजपा के पितृ पुरुष, कुशल संगठनकर्ता, ऐसे हमारे वरिष्ठ नेता जिन्होंने गांव-गांव, घर-घर जाकर कई कार्यकर्ताओं को गढ़ा। आज उनकी जन्मजयंती पर भाजपा वरिष्ठ नेताओं व प्रमुख कार्यकर्ताओं के द्वारा शांतिपथ स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे, सांसद शंकर लालवानी, कैबिनेट मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सुश्री उषा ठाकुर, संभागीय संगठनमंत्री जयपालसिंह चावड़ा, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, विधायक आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा, वरिष्ठ नेता प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रमोद टंडन, प्रदेश मीडिया सहप्रभारी दीपक जैन टीनू, गणेश गोयल, मुकेशसिंह राजावत, कमल बाघेला, जयंत भिसे, जयदीप जैन, नानूराम कुमावत, गजेंद्र गावडे़, ज्योति तोमर, कंचन गिदवानी, मुकेश मंगल सहित सभी उपस्थित नेताओं व कार्यकर्ताओं के द्वारा माल्यार्पण कर, श्री ठाकरेजी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए याद किया।

इस अवसर पर श्रीमती महाजन ने कहा कि श्री ठाकरेजी अभूतपूर्व प्रतिभा के धनी थे। उनकी कार्यशैली व उनके जीवन से जुड़ी कई रोचक बातों को बताया। साथ ही उनकी सुचिता व सरलता भी बताई। ठाकरेजी के द्वारा तैयार किये गये कई कार्यकर्ता आज भी पार्टी का कार्य सफलतापूर्वक कर रहे है।

वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद श्री मोघे ने कहा कि श्रद्धेय ठाकरेजी ऐसे नेता थे कि वे जो बोलते थे वह करते थे। उन्होंने जनसंघ की स्थापना से संगठन का काम किया। 1942 में जनसंघ के प्रचारक बने, वास्तव में ऐसे नेता चरण स्पर्श करने के पात्र हैं। आदरणीय ठाकरेजी का अपने आचरण के कारण भाजपा ही नहीं, अपितु विपक्ष के नेता भी उनका पूरा सम्मान करते थे। ठाकरेजी की कार्यशैली ही ऐसी थी जिसके कारण संगठन का कार्य करने वाले कार्यकर्ता उनसे जुड़ते गये।

संभागीय संगठन मंत्री श्री चावड़ा ने कहा कि श्रद्धेय ठाकरेजी ने गांव-गांव, घर-घर जाकर कार्यकर्ताओं को जोड़ा और आज मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का जो इतना बड़ा संगठन है, यह श्रद्धेय ठाकरेजी की कार्यशैली ही है। व्यक्ति अपने संपर्क से व्यापक होता है, ठाकरेजी का जो संपर्क था वह विशाल था। छोटे से छोटे कार्यकर्ता को पहचानते थे, हमेशा उसका हाल-चाल भी जानने का काम करते थे। प्रत्येक व्यक्ति व कार्यकर्ता के साथ अपनत्व का भाव रखते थे।