इंदौर( Indore News) : नार्मदीय ब्राह्मण इंदौर महिला इकाई उपाध्यक्ष सरिता अजय साकल्ले द्वारा ऑनलाइन भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सरिता के साथ तकनीकी सहायक कु. शारदा जोशी नासिक (महाराष्ट्र) थी। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में सभी सामाजिक कवियों और कवित्रीयों, साहित्य प्रेमियों ने उम्दा रचनाओ का पाठ किया।
इसमें कई प्रसिद्ध कवि मंच पर उपस्थित थे। अतिथि गण जो समाज में एक अपना स्थान बना चुके हैं वह भी इस भव्य कार्यक्रम में शामिल थे। जिनके सानिध्य में भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ आॅनलाइन कवि सम्मेलन में रामा टेमले इंदौर, डाँ. दीपानीता गार्गव इंदौर, सुनील चौरे उपमन्यु खंडवा, संतोषी चौरे चुभन खंडवा, मुकेश शांडिल्य चिराग टिमरनी, विजय जोशी शीतांशु महेश्वर, डाँ. केशव साकल्ले नागपुर आदि समाजजन एवं अतिथि उपस्थित थे।
नार्मदीय ब्राह्मण समाज प्रगतिशील मंच पर 15 अगस्त रविवार को दोपहर 4:00 बजे से भव्य ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन माइक्रोसॉफ्ट टीम एप्प पर किया गया।
इन्होंने दी अपनी प्रस्तुति-
तृप्ति बिल्लोरे इंदौर, सुरेखा चंद्रायण जबलपुर, पूर्णिमा मलतारे, उमा चौरे इंदौर, निशा उपाध्याय, अनीता शुक्ला टिमरनी, नन्दिनी उपाध्याय भोपाल, सुनीता परसाई हैदराबाद, शक्ति चौरे भोपाल, प्रवीणा पगारे शाजापुर, ममता शर्मा इंदौर, किरण शर्मा खरगोन, शशिबाला पारे जबलपुर, अनीता सोहनी उज्जैन, डाँ. संगीता बिल्लोरे भोपाल, मनीषा शर्मा टिमरनी, मञ्जुला शर्मा, बी.डी. गुहा कुम्हारी जिला दुर्ग छत्तीसगढ़, तारकेश्वर चौरे (अमेरिका)। संचालन सरिता साकले ने किया। आभार मनीषा शर्मा ने माना। यह जानकारी जितेन्द्र शिवहरे दी।
मान धरा का बचाना तुझको,
कर ले बेटा कुछ ऐसा जतन।
देशहित में समर्पित कर जीवन
चाहे छलनी हो तेरा तन मन
सुरेखा चंद्रायण
तारों में जो चाँद सा चमके, मेरा भारत बड़ा महान!
इस भारत के रक्षक तुमको मेरा कोटी प्रणाम!
मेरा भारत बड़ा महान,
मेरा भारत बड़ा महान
तृप्ति जीबिल्लोरे
लाल रंग से होली खेलकर,
आजादी का जश्न मनाते हैं।
तीन रंगों का कफ़न लपेटकर,
तब अपने घरों में ये आते हैं।।
जीवन लता शर्मा
मुगलों ने तोड़ा मुझको
अंग्रेजो ने बरसो लुटा
खून बहाया सपूतों ने
अपमान ना उनका होने दो
मेरे सपूतों मेरे बच्चों
अब चैन से मुझको जीने दो
मञ्जुला शर्मा
सेंधवा ✍️ स्वरचित
15/8/2021
वंदे मातरम वंदे मातरम,
वंदे में था दम, वंदे में है दम
उठो धरा के अमर सपूतो,
भारत नवनिर्माण करो।
नवयुग की नूतन वीणा में, नया राग नव गान भरो।
मिली हुई आज़ादी की,
कीमत को अब तुम जान लो।
देशभक्त जो शहीद हुए हैं ,
शहीदों का गुणगान करो।
वंदे मातरम ,वंदे मातरम…..
वंदे मातरम वंदे में था दम ,वंदे मातरम वंदे में है दम….
पूर्णिमा मलतारे
लाल रक्त से धरती माता सपूतो के नहाई है
अपने शीश काँट कर माला माता को पहनाई है
उमा हेमन्त चौरे इंदौर