इंदौर (Indore News) : शहर का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय अस्पताल यू तो अपने लापरवाही या अनदेखी कारनामों के लिये विख्यात है कुछ दिन पूर्व ही 5वीं मंज़िल पर एक महिला ने इलाज के दौरान वार्ड बाय द्वारा छेड़खानी का मामला आया था अब एक गरीब प्रसूता महिला की शनिवार को डिलिवरी के दौरान नवजात का हाथ तोड़ दिया गया।
ताज्जुब की बात यह कि बच्चें के हाथ में सूजन आने के बाद भी 2 दिन तक किसी भी डॉक्टर व नर्स को नही दिखा व जब बच्चे के पिता ने यह सूजन देख कर पूछा तो जिम्मेदार टालमटोल करने लगे,आखिर में एक्सरे कराया उसमें नवजात बच्चें के हाथ मे फ्रेक्चर पाया गया जो कि एक्सरे में साफ दिख रहा है पूछने पर बताया गया कि डिलेवरी के दौरान नवजात बच्चें के हाथ मे फ्रेक्चर हुआ है।फिलहाल मासूम के हाथ मे पट्टा चढ़ा कर इतिश्री कर ली गयी है बच्चे के पिता के अनुसार बच्चे की माँ का इलाज भी अत्यंत लापरवाहीपूर्वक किया जा रहा है टांकों की ड्रेसिंग करने भी कोई नही आ रहा उनमें से लगातार पानी आ रहा है पिता द्वारा नर्सों को बोलने पर जवाब मिलता है कि आप ही अपनी पत्नी की ड्रेसिंग कर लीजिए।
जब इस घोर लापरवाही की शिकायत बच्चे के पिता द्वारा ऊपर करी गयी तो महिला डॉक्टर द्वारा उसे धमकाया गया और बोला गया कि आप यह बात बाहर क्यों बता रहे है हम तो आपके बच्चें व पत्नी का इलाज दिल से कर रहे है। यदि इस तरफ का इलाज दिल से करा जा रहा है तो बेदिल से करे इलाज का परिणाम क्या होगा इसकी कल्पना आप स्वयं ही कर सकते है। क्या गरीबों का मंदिर कहे जाने वाले इस अस्पताल में इस गरीब परिवार को न्यायपूर्वक इलाज मिल पायेगा…
सम्पर्क: रवि चौधरी (बच्चे के पिता)
+917987439512.