इंदौर: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर मालवांचल विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण वेबिनार का विषय ‘क्विट टोबैको’ था। वेबिनार में मालवांचल विश्वविद्यालय के साथ चंदा सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन और रोटरी क्लब ऑफ इंदौर सहयोगी थे। यह कार्यक्रम इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। सबसे पहले कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ. राम गुलाम राजदान ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। गौरतलब है कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई को पूरे विश्व में माना जाता है। इसकी शुरुआत WHO ने 1987 में की थी।
इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया ने कहा कि रिसर्च आंकड़ों की माने तो पूरे भारत में लगभग 27 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते है। तंबाकू के कारण कई बीमारियां जन्म लेती है, जिन्हें रोकने के लिए हमें कई तरह के सकारात्मक कदम उठाने चाहिए। हमने मालवांचल क्षेत्र में मौजूद अमलतास अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र बनाया है। साथ ही इंडेक्स अस्पताल में भी नशा मुक्ति केंद्र और तंबाकू रोकथाम क्लिनिक की शुरुआत की जाएगी। वहीं, जल्द ही पूरे मालवा क्षेत्र में एक अभियान चलाकर तंबाकू निषेध के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा।
डॉ राम गुलाम राजदान ने ‘ट्रीटमेंट ऑफ टोबैको एडिक्शन’ पर बात करते हुए कहा कि टोबैको एडिक्शन एक मस्तिष्क की बीमारी है। इस एडिक्शन के बाद दिमाग में रासायनिक परिवर्तन होते है। तंबाकू के एडिक्शन को एक बीमारी के रूप में ही देखना चाहिए। मेरा मानना है कि यदि डॉक्टर्स ही टोबैको छोड़ने की सलाह दे दें तो 10 प्रतिशत लोग टोबैको से दूरी बना लेते है। उन्होंने आगे कहा कि विशेष ट्रीटमेंट प्लान के अंतर्गत एन आर टी (निकोटीन रिप्लेसमेंट ट्रीटमेंट) और साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट दोनों को मिलाया जाए तो यह मरीज के लिए बहुत ही प्रभावी होता है और अधिकांश लोग चिकित्सक की सलाह से तंबाकू छोड़ पाते है।
डॉ. बी एम श्रीवास्तव (पूर्व डीन – शासकीय डेंटल कॉलेज, इंदौर) ने रोकथाम पर बात करते हुए बताया कि घर में कोई सिगरेट पीता है तो वह बच्चों को सिगरेट जलाने को न कहे और कोशिश करें कि बच्चों के सामने स्वयं भी सिगरेट न पिएं।
रोटेरियन गजेंद्र नारंग ( रोटरी क्लब 3040) ने कहा कि हम भी टोबैको मुक्त अभियान के क्षेत्र में काम करना चाहते है ताकि अधिक से अधिक लोग टोबैको को छोड़े। साथ ही हम आपके तंबाकू छोड़ने के अभियान में भी हर तरह से साथ देंगे।
मुख्य अतिथि डॉ जगदीश कौर, रिजनल डायरेक्टर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (साऊथ, ईस्ट एशिया) ने कहा कि सभी लोगों को अच्छी जिंदगी बिताने का हक है। इसलिए जरूरी है कि वे तंबाकू सेवन न करें और लोगों को भी इससे दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करें। इस क्षेत्र में यदि टोबैको मुक्त अभियान को हमारी आवश्यकता पड़ेगी तो हम सदैव तत्पर है।
डॉ. दिलीप आचार्य (इंदौर) ने बताया कि ज्यादातर कैंसर तंबाकू के कारण ही होते हैं, जिसमें प्रमुख हैं- मुंह, गले, फेफड़े, और ब्रेन का कैंसर। साथ ही जो लोग टोबैको एडिक्ट है उन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन भी बढ़ जाता है।
हमारे देश में लगभग करोड़ों लोग धूम्रपान करते हैं। विकसित देशों में धूम्रपान के विषय में जागरूकता के परिणाम स्वरूप धूम्रपान का औसत गिरता जा रहा है, लेकिन विकासशील देशों में अभी भी धूम्रपान के संबंध में जागरूकता की कमी है। वहीं, मालवा क्षेत्र में भी तंबाकू एक बड़ी समस्या है। इस वर्ष के विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम ‘तंबाकू छोड़ने का प्रण है।’ इस वेबिनार को आयोजित करने का उद्देश्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना था। डॉ. नेहा राजदान ने चंदा सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की तरफ से सभी अतिथियों का आभार माना। वेबिनार का संचालन चित्रा खिरवड़कर ने किया।