Indore News : परंपरागत कला को प्रोत्साहन देकर इंदौर हुआ गौरवान्वित

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आजादी का अमृत महोत्सव.
■ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस.

इंदौर (Indore News) : परंपरागत कला को प्रोत्साहन के साथ सम्मान भी दिया जाए तो कलाकारों का उत्साह कई गुना बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान और प्रेरणा पर अमल करते हुए इंदौर की हथकरघा प्रतिभाओं को सम्मानित करते हुए इंदौर ने खुद को गौरवान्वित महसूस किया। परंपरागत कला को प्रोत्साहित करने वाला यह आयोजन इंदौर में पहली बार आयोजित हुआ।सम्मान समारोह में आए सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हथकरघा उद्योग के महत्व एवं आमतौर पर देश के सामाजिक आर्थिक विकास में इसके योगदान के बारे में जागरूकता फैलाना है। केंद्र में जब मोदी सरकार आई तो बुनकरों की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देना शुरू किया गया और राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का निर्णय किया गया। आज का सम्मान समारोह इस बात का प्रमाण है कि परंपरागत कला को संरक्षण और प्रोत्साहन के साथ यदि सम्मानित किया जाए तो उनके उत्साह में वृद्धि होती है।

पूर्व विधायक श्री सुदर्शन गुप्ता ने कहा कि हथकरघा उद्योग से निर्मित सामानों का विदेशों में भी खूब निर्यात किया जाता है। हथकरघा उत्पाद बड़ी संख्या में ग्रामीण आबादी को रोजगार मुहैया कराते हैं। आज सबसे बड़ी आवश्यकता इसी बात की है कि हम अपनी कला को संरक्षण दें ताकि वह अपनी प्रतिभा और योग्यता का प्रदर्शन पूरे विश्व में कर सके।सम्मान समारोह के आयोजक पूर्व पार्षद दीपक जैन (टीनू) ने कहा कि देश में जगह जगह स्थापित बुनकर सेवा केंद्रों (डब्ल्यूएससी) पर बुनकरों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। बुनकरों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।दुनियाभर में भारतीय हथकरघा की पहचान बन गई है। इसकी उच्च गुणवत्ता और प्राकृतिक सामग्री से बने होने के कारण इसकी मांग विश्व भर में है। इंडिया हैंडलूम ब्रांड के जरिए इनके उत्पादों को विश्व बाजार तक पहुंचाया जा रहा है। मां अहिल्या की नगरी के लिए यह गर्व का विषय है कि कला और योग्यता का संगम इंदौर की पहचान से जुड़ा हुआ है। आजादी के पूर्व से इंदौर परंपरागत कला के लिए अपनी पहचान बनाता आया है। ऐसे आयोजन इस बात को रेखांकित करते हैं कि कला का सम्मान कर हम अपनी प्रतिभा और परंपरा का सम्मान करते हैं।

इस अवसर पर कला के संरक्षण के लिए एक परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने परंपरागत उत्पादों के लिए भविष्य के बाजार को सुगम बनाने के लिए सुझाव दिए।

इन्हें सम्मान देकर गौरान्वित हुआ इंदौर
● श्री किशोर सरोदे.
● श्री जयेश सरोदे.
● श्री लखन जतारिया.
● श्री मुकेश बोके.
● श्रीमती नर्मदा बाई.
● श्रीमती मीनाबाई खड़के.
● श्री महेश अहीरवार.
● श्री यश गोपाल राव.
● सुश्री नेहा हार्डिया.
● सुश्री शालू जैन.
● श्री नारायण दास कोरी.
● श्री गोपाल साली.
सम्मानित हुए सभी कलाकारों ने अपने अनुभव भी साझा किये।

इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत अंकित रावल, गौरव नाहर, धर्मेश यादव , अनुभव वर्मा, ने किया, कार्यक्रम में कई गणमान्यजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ग्रीष्मा त्रिवेदी ने किया और आभार गणपत कसेरा ने माना।