Indore News: आईआईएम इंदौर की GMPE बैच 5 का हुआ समापन

Rishabh
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आईआईएम इंदौर के एक वर्षीय कार्यकारी अधिकारियों के लिए सामान्य प्रबंधन कार्यक्रम (General Management Programme for Executives, GMPE)के पांचवे बैच का समापन 28 फरवरी, 2021 को हुआ । यह प्रोग्राम अप्रैल 2019 से जून 2020 तक आयोजित किया गया था ।इस समापन कार्यक्रम में आईआईएमइंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमाँशु राय; प्रोफेसर प्रशांत सलवान, चेयर-एग्जीक्यूटिव एजुकेशन,आईआईएम इंदौर; प्रोफेसर केयूर ठाकर और प्रोफेसर भाविन शाह – फैकल्टी कोऑर्डिनेटर – जीएमपीई सहित सभी 33 स्नातक प्रतिभागी मौजूद रहे ।

प्रोफेसर राय ने स्नातक बैच को शुभकामनाएं दीं । उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे जिस प्रकार की दुनिया में जीना चाहते हैं, जिस विश्व का हिस्सा बनना चाहते हैं, उसके लिए स्वयं भी योगदान दें और मेहनत करें । ‘इस जीएमपीई पाठ्यक्रम से आपको जितना भी ज्ञान प्राप्त हुआ है, उस ज्ञान का उपयोग न सिर्फ स्वयं ने जीवन को और भी बेहतर बनाने, बल्कि अपने आसपास मौजूद सभी लोगों की जिंदगियां बेहतर बनाने के लिए करें’, उन्होंने कहा ।उन्होंने बैच को आत्मनिरीक्षण करने और एक मजबूत राष्ट्र और एक समावेशी दुनिया के निर्माण में योगदान देने के तरीके खोजने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

प्रोफेसर सलवान ने ‘फ्यूचर स्किल्स आर्किटेक्ट’ विषय पर अपने विचार साझा किए और अगले पांच वर्षों में महत्वपूर्ण माने जाने वाले कौशल पर चर्चा की। ‘पचास प्रतिशत से अधिक वर्तमान कर्मचारियों को आने वाले समय में वर्ष 2025 के पहलेअपने कौशल में सुधार की आवश्यकता होगी, जिसमें समस्या समाधान, स्व-प्रबंधन, लोगों के साथ काम करना और प्रौद्योगिकी के उपयोग और विकास के लिए उपयुक्त ज्ञान होना शामिल होगा’, उन्होंने कहा।उन्होंने कहा कि सरकार, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों को कर्मचारियों के इन्हीं कौशलों को विकसित करने में मदद करने के तरीके खोजने चाहिए – जो उन्हें वर्तमान नौकरियों और भविष्य की नौकरियों के लिए भी सक्षम बनाते हैं। उन्होंने स्नातक बैच को बधाई दी और अपने भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए स्नातक बैच को प्रमाण पत्र दिए गए । बैच के टॉप तीन रैंक हासिल करने वाले प्रतिभागी रहे – सुश्री आकांक्षा सक्सेना (रैंक #1), श्री प्रवीण कुमार सक्सेना (रैंक #2) और श्री सुशील कुमार (रैंक #3)। इस कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर ठाकर के धन्यवाद ज्ञापनसे हुआ।