बीते कल उच्च शिक्षा विभाग को लेकर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य भारत प्रांत का 53वां प्रांतीय अधिवेशन सम्पन्न हुआ है जिसमे यूजी और पीजी की इस साल की होने वाली परीक्षाओ को लेकर मुख्य चर्चा की गई। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण उच्च शिक्षा विभाग के फाइनल ईयर के छात्रों की ओपन बुक परीक्षा का निर्णय लिया गया था।
लेकिन अब इस बार की परीक्षाओ को लेकर ABVP के 53वां प्रांतीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने भी इस मुददे पर जोर दिया है, उन्होंने कहां है कि “कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षा करवाने में एबीवीपी की अहम भूमिका रही है। इसी विषय में पहले बाकी राज्यों की तरह यहां भी विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिए जाने पर विचार हो रहा था, लेकिन कई शिक्षाविद् ने इसका यूजी फाइनल और पीजी फाइनल सेमेस्टर में विरोध किया। जिसका कारण था कि जब डिग्री में “जीपी” यानि की जनरल प्रमोशन लिखा होता है उससे विद्यार्थियों का मनोबल टुट जाता है और जब कंपनी में जॉब के लिए जाते है तो ऐसे विद्यार्थी जो बिना परीक्षा दिए माने जाते है, जिस कारण काफी दिक्क्त आती है।
इस साल की होने वाली परीक्षाओ को लेकर शासन के सामने यूजी फर्स्ट-सेकंड ईयर में जनरल प्रमोशन और फाइनल ईयर में ओपन बुक परीक्षा का विकल्प है, साथ ही संगठन ने सात अलग-अलग प्रकार से विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने का सुझाव दिया है और जो भी निर्णय लिया जायेगा वह सभी की सहमति के बाद ही होगा और परीक्षाएं कराई जाएगी। जिसके लिए सभी विश्वविद्यालय ने अच्छे ढंग से इन्हें संचालित भी किया, प्रदेश का यह प्रयोग बाकी राज्यों को भी काफी पसंद आया, जिन्होंने परीक्षा के इस मॉडल को अपने राज्यों में लागू किया।
इस बार के 53वे अधिवेशन में की ख़ास बात ये थी कि 35 जिलों के 800 से ज्यादा कार्यकर्ता अधिवेशन में आए, इस अधिवेशन का शुभारंभ ध्वजारोहण से किया गया है। इस अधिवेशन में संगठन से निकले पूर्व पदाधिकारी, छात्र नेता और सदस्य भी मौजूद रहे है। इस अधिवेशन में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी निर्णय लिया गया, जिसमें मालवा और मध्य भारत प्रांत अलग-अलग करने पर जोर दिया।