इन्दौर। संक्रमण की बढ़ती दर से चहुँ ओर त्राहि-त्राहि मची है। अस्पतालों में कहीं बेड कमी है तो कहीं आक्सीजन के अभाव में जीवन-मौत के बीच संघर्ष कर रहे गम्भीर रूप से संक्रमित मरीज दम तोड़ रहे हैं। जहाँ रिकवरी रेट अच्छा वहीं संक्रमण की दर दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और चिन्ता का विषय तो यह है कि, पिछले वर्ष की अपेक्षा कोविड का यह दूसरा वेव (लहर) अधिक घातक है। इस विषय पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त करते हुये शहर, प्रदेश व देश के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ. ए.के. द्विवेदी ने शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर इन्टीग्रेटेड होम्योपैथिक ट्रीटमेंट की माँग की। प्रदेश सरकार द्वारा सकारात्मक पहल करते हुये संक्रमण के लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी दवाओं के
विस्तृत वितरण सम्बन्धी गाइडलाईन जारी किया है।
डाॅ. ए.के. द्विवेदी जो कि इन्दौर मध्यप्रदेश के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक होने के साथ-साथ केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद्, आयुष मन्त्रालय भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं, ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय, आयुष मन्त्री महोदय के साथ-साथ आयुक्त महोदय को भी दिनांक 11.04.2021, 17.04.2021 एवं 18.04.2021 को पत्र लिखा था।
सोशल मीडिया, वाट्सएप्प तथा ट्विटर के माध्यम से निवेदन किया था कि, प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मरीजों की संख्या को रोकने में होम्योपैथिक औषधियाँ कारगर साबित हो सकती है, जिसके आधार पर प्रदेश के आयुष विभाग ने विस्तृत रूप से होमयोपैथिक औषधियों को श्रेणीवार लक्षणों के आधार पर चिकित्सा किए जाने की सूची जारी की है, जो कि पूरी तरह से आयुष मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदत्त कोविड19 के प्रबन्धन प्रोटोकाॅल पर आधारित है, जिसे किसी भी होम्योपैथिक चिकित्सकों के देखरेख में प्रयोग किया जा सकता है। आयुष विभाग मध्यप्रदेश द्वारा जारी किये गये इस प्रयास के लिये डाॅ. द्विवेदी मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री, आयुष मन्त्री एवं आयुक्त चिकित्सा तथा आयुक्त आयुष को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।
आयुष विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं रोग प्रतिरोधक हेतु होम्योपैथी चिकित्सा प्रबन्धन द्वारा जारी गाइडलाईन में बचाव हेतु आर्सेनिक एल्बम 30,(लक्षण रहित कोविड) संक्रमित केस सामान्य एक्सरे चेस्ट की स्थिति में आर्सेनिक एल्बम, ब्रायोनिया एवं केम्फोरा। हलके (माइल्ड कोविड19) पाॅजिटिव केसेस-बुखार, गला खराब, सूखी खाँसी, थकान, शरीर दर्द तथा कुछ लोगों में उल्टी मतली, दस्त व पेट दर्द की स्थिति में आर्सेनिक एल्बम, यूपटोरियम पर्फ, जेल्सेमियम, ब्रायोनिया, हृस टाॅक्स, फाॅस्फोरस, फेरम फाॅस 6एक्स, आर्स आयोड, काली मूर।
मध्यम
(माॅडरेट कोविड19) पाॅजिटिव केस- निमोनिया के लक्षण (बुखार और खासी) पर हाईपाॅक्सिया नहीं होने पर प्रचलित उपचार देना आवश्यक है जैसे- सहायक के रूप में- आर्सेनिक एल्बम, यूपटोरियम पर्फ, जेल्सेमियम, ब्रायोनिया, हृस टाॅक्स, फाॅस्फोरस, फेरम फाॅस 6एक्स, केम्फोरा, चिनियम आर्स, इपिकाक, बेलाडोना एवं एटीमोनियम टार्ट।
कोविड पश्चात् लक्षण- शरीर दर्द, खाँसी, कमजोरी की स्थिति में- आर्सेनिक एल्बम, यूपटोरियम पर्फ, जेल्सेमियम आदि दवाईयों को सम्मिलित किया गया है। कोविड19 मरीजों में निरन्तर बुखार, पल्स रेट, व आक्सीजन सेचुरेशन नापते रहें, इन तीनों का संतुलित रहना आवश्यक है।
COVID-19 के इलाज
बाद की कमजोरी और खांसी के लिए भी होम्योपैथिक इलाज हेतु
दिशा-निर्देश दिये गये हैं।
डॉ ए के द्विवेदी
9826042287