इंदौर: शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है, आये दिन संक्रमितों के आकड़ो में इजाफा हो रहा है, शहर में संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने कोरोना कर्फ्यू की अवधि को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है, लेकिन शहर में पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया गया है, औद्योगिक गतिविधियों अभी भी शहर में जारी है, साथ ही अन्य सभी रोजमर्रा की दुकानें भी खोलने की छूट दी गई है, बावजूद इसके इंदौर से भी श्रमिक भाग रहे है।
शहर में बढ़ते कोरोना और काम काज बंद होने के डर से श्रमिक इंदौर छोड़ अपने घर की और पलायन करने लगे है, इससे इंदौर के उद्योगों में काम करने वाले करीब 25 % श्रमिक शहर छोड़कर चले गए हैं। इंदौर में जारी कार्यो के बावजूद मजदुर शहर को छोड़ घर भाग रहे है ऐसे में उद्योगों में उत्पादन की गति धीमी हो गई है। लेकिन अभी इस बात का इतना ख़ास असर नहीं दिख रहा है, पर बाद में यह बात शहर के छोटे-बड़े औद्योगिक क्षेत्रों को जरूर प्रभावित कर सकते है।
बता दे कि इंदौर शहर में और इसके आस पास छोटे-बड़े मिलाकर 2500 से ज्यादा मध्यम और लघु श्रेणी के उद्योगचल रहे है और इन उद्योगों में लगभग 2 लाख श्रमिक काम कर रहे है। दरअसल फैक्ट्रियो और इस तरह के छोटे बड़े उद्योगों में काम कर रहे श्रमिकों में पिछले वर्ष के कारण एक बार फिर वही डर बन रहा है, जिस कारण वो शहर छोड़ने की तैयारी कर रहे है, लेकिन यह बात उद्योगपतियों पर भी प्रभाव डाल रही है, आखिर इससे ही उत्पादन में भी कमी आ रही है।