इंदौर 15 नवम्बर,2021
किसानों को सलाह दी गई है कि खाद का संतुलित उपयोग करे। मिट्टी परीक्षण करवाने के बाद ही अनुशंसित मात्रा में ही खाद का उपयोग करें। आवश्यकता से अधिक रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं करें। फसल के लिये अन्य पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि किसान मिटटी परीक्षण कराए और उसी के हिसाब से रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें किसानों से आग्रह किया गया है कि वे कृषि वैज्ञानिकों से सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर उर्वरकों का उपयोग करें ताकि फसल का अच्छा उत्पादन प्राप्त हो। वर्तमान मे रबी की फसलों के लिये जिले में पर्याप्त खाद की उपलब्धता है।
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गेंहू के लिये यूरिया 213 कि.ग्रा. एन.पी.के. 186 कि.ग्रा., म्यूरेट ऑफ पोटास 17 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर, चना के लिये यूरिया 44 तथा सुपर फास्फेट 375 कि .ग्रा. प्रति हेक्टर, सरसों के लिये यूरिया 130 कि.ग्रा. सुपर फास्फेट 188 कि.ग्रा. तथा म्यूरेट ऑफ पोटास 33 किग्रा. प्रति हेक्टर, मसूर के लिये यूरिया 54 कि.ग्रा. तथा सुपर फास्फेट 313 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर देकर अनुशंसित उर्वरक मात्रा की पूर्ति की जा सकती है।
किसानों से कहा गया है कि गेंहू, सरसों, चना एवं मसूर फसल में रासायनिक खाद की अनुशंसित मात्रा का ही उपयोग करें । डीएपी के विकल्प के रुप में एन.पी.के. व एस.एस.पी. यूरिया एव म्यूरेट ऑफ पोटास उर्वरकों का उपयोग कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है । साथ ही सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करने से सल्फर 11 प्रतिशत एवं केल्सियम 21 प्रतिशत भी प्राप्त होंगें, जो फसल का उत्पादन बढाने में सहायक होंगें ।