खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने मांग की है कि दवाई कम्पनियों की मनमानी पर सरकार कड़ी कार्रवाई करे। रेमडिसिवर जैसा प्राण रक्षक इंजेक्शन जब निजी अस्पतालों को उपलब्ध नहीं हो रहा है, तब हिट्रो फार्मा कम्पनी ने 4,800 इंजेक्शन अकेले अरविंदो और चिरायु अस्पतालों को दिए जबकि कई निजी अस्पतालों के भी ऑर्डर उनके पास थे ये कम्पनियाँ मुनाफाखोरी के लिए यह कर रही है।
आपने कहा कि किन किन अधिकारियों के संज्ञान में यह वितरण इन कम्पनियों नें किया ऐसे अधिकारियों ने भी यह क्यों छुपाया? उन जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
मालू ने कहा एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद होकर रेमडिसिवर बनाने वाली कंपनियों से बात कर इसकी हवाई जहाज और हेलीकाप्टर से व्यवस्था कर आम मरीजों की जान बचाने में लगे हैं, दूसरी तरफ दवा कंपनी और अस्पताल इस तरह का खेल कर मुख्यमंत्री जी की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं।
मालू ने मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर कहा कि इंदौर के निजी 85 अस्पतालों को अरविंदो अस्पताल को मिले रेमडिसिवर का अनुपातिक समान वितरण कराने के निर्देश देने चाहिए ताकि कोरोना से जूझ रहे छोटे अस्पतालों के मरीजों को राहत मिल सके और उनके प्राण बचाएं जा सके।
यह समय संग्रह का नहीं जीवन की रक्षा करने का है। यदि रेमडिसिवर वितरण की यह वायरल लिस्ट सही है तो अरविंदो से यह इंजेक्शन जप्त किये जाने चाहिए और छोटे अस्पतालों को वितरित कराए जाएं।