Indore : इंडेक्स नर्सिंग कॅालेज में मेंटल हेल्थ अवेयरनेस पर नेशनल कॅान्फ्रेस का हुआ आयोजन

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इंदौर। इंडेक्स नर्सिंग कॅालेज,मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा नेशनल कॅान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इंडेक्स मेडिकल कॅालेज सभागृह में आयोजित मेंटल हेल्थ अवेयरनेस पर कॅान्फ्रेस में मुख्य अतिथि डॅा.रामचंद्रा पूर्व प्रोफसर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (निमहंस) बेंगलुरु थे। डॅा.रामचंद्रा ने कहा कि भारत में मानसिक सेहत एक ऐसा विषय है जिस पर खुलकर बात नहीं होती। हमें इस बात को मानना होगा कि कि जितनी गंभीर ये समस्या है उसके मुताबिक भारत में मनोचिकित्सकों का संख्या कम है।

आज हम आत्महत्या,डिप्रेशन जैसे कई मुद्दों पर आज समाज को जागरूक करने की जरूरत है। भारत में मेंटल हेल्थ एक बड़ा मुद्दा है और इससे निपटने के लिए साइकेट्रिस्ट (मनोचिकित्सक) की संख्या बढ़ाई जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक़ फ़िलहाल भारतीय डिप्रेशन यानी अवसाद के शिकार हैं।हर व्यक्ति कभी न कभी डिप्रेशन का शिकार रहा है या अभी डिप्रेशन में है। मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की कमी के कारण यह काम थोड़ा मुश्किल है।

आज भारत में 1 लाख मरीजों पर 0.75 प्रोफेशनल मौजूद है। वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 197.3 मिलियन लोग मानसिक रोग से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि आज सभ्य और शिक्षित समाज में सबसे पहले जरूरत है कि हम मेंटल हेल्थ के मरीज के साथ सही व्यवहार करे। जब कोई समारोह होता है कि तो हम कई बार ऐसे मरीज को समाज और लोगों के बीच ले जाने से बचते है। यह केवल अशिक्षित नहीं बल्कि कई डॅाक्टर और शिक्षित परिवारों में यह देखने को मिलता है। इस अवसर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया एवं वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में नेशनल कॅान्फ्रेस आयोजित की गई।

मेंटल हेल्थ पर समाज के साथ खुद को जागरूक करने की जरूरत

इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति एन के त्रिपाठी,रजिस्ट्रार डॅा.एम क्रिस्टोफर,डीन डॅा.जीएस पटेल उपस्थित थे। इंडेक्स नर्सिंग कॅालेज की प्राचार्य डॅा.स्मृति जी सोलोमन ने नेशनल कॅान्फ्रेंस के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी।डॅा.स्मृति जी सोलोमन ने कहा कि मेंटल हेल्थ अवेयरनेस पर इंडेक्स समूह द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इसी के अंतर्गत यह नेशनल कॅान्फ्रेंस आयोजित की गई। उन्होंने हेल्थ इलनेस ग्राफ से बताया कि मानसिक रोग के शुरुआती लक्षण में मिलने पर मरीज का सही इलाज और मार्गदर्शन किया जाना चाहिए नहीं तो यह आकास्मिक मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

समाज के साथ खुद को मेंटल हेल्थ के लिए जागरूक करने की जरूरत है। आज हर कोई मेंटल हेल्थ पर राय देना पसंद करता है लेकिन कभी यह खुद स्वीकार नहीं करता है वह खुद डिप्रेशन से गुजर रहा है। कोरोना महामारी के बाद 197 मिलियन में आज 45.7 मिलियन लोग डिप्रेशन और 44.9 मिलियन लोग एनजाईटी डिसआर्डर का शिकार है। समापन समारोह में प्रो.वाइस चांसलर मालवांचल यूनिवर्सिटी डॅा.रामगुलाम राजदान ने कहा कि नशीले पदार्थों का सेवन छात्रों और शिक्षित वर्ग में सबसे ज्यादा गंभीर तरीके से बढ़ता जा रहा है।

अल्कोहल और नशीले पदार्थों के कारण केवल आपकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है साथ ही ऐसे लोग अनेक बीमारी के शिकार भी होते है। शराब के कारण अधिकांश हादसे हो रहे है।आज समाज के युवा वर्ग को जरूरत है कि वह नशीले पदार्थों से दूर रहे। मेंटल हेल्थ बेहतर बनाने के लिए आज नशीले पदार्थों की रोकथाम ही बेहतर इलाज है। अमलतास मेडिकल कॅालेज के डॅा. मोहम्मद मोहसिन खान ने मेंटल हेल्थ केयर के बारे में जानकारी दी। कॅान्फ्रेंस में डॅा.पायल शर्मा ने तकनीक के जरिए मानसिक रोग के उपचार के बारे में जानकारी दी। , डॅा. बिद्यानी देवी,डॅा. जितेंद्र चिंचोलकर,डॅा. अनु वी कुमार,डॅा.बर्लिन सारा थंपी,नितिन चिंचोलकर उपस्थित थे।

Source  : PR