इंदौर नगर निगम की नई पहल, पेड़-पौधों की देखरेख के लिए की ट्री एम्बुलेंस की शुरूआत

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पर्यावरण में लगातार हो रहे बदलाव के कारण लोगों को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें अपने स्तर पर काम करके कई योजनाओं पर काम कर रही है। बीते कुछ महिनों से मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान हर माह एक पौंधा लगा रहें हैं। अगर इसी बातो को ध्यान में रखकर बात करें तो इंदौर के नवविर्वाचित मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने ट्री एम्बुलेंस(पेड़ो का डॉक्टर) की शुरूआत कर दी हैं।

इंदौर शहर स्वच्छता के मामले में लगातार प्रदेश में 5 बार नंबर-1 पायदा पर बना हुआ हैं। हर साल स्वच्छता के लिए कई कड़े नियम बना रहा हैं। इस बार शहर एक नई पहल करने जा रहा हैं। इसके तहत शहर में पेड़-पौंधो की सेहत का ख्याल रखने के लिए ट्री एम्बुलेंस की शुरूआत की गई हैं। सेवा गाड़ी जिसका निर्माण, इंदौर नगर निगम की वर्कशॉप में ही किया गया है और जिसका लक्ष्य है पेड़-पौधों का लालन, पालन और संरक्षण।

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इस ट्री एम्बुलेंस में स्प्रिंकलर, पानी, खाद और दवाइयों के साथ वो तमाम साधन मौजूद होंगे जो वृक्षों की देखभाल करेंगे। कोई भी पेड़-पौधें जो सुख रहे है या पनप नही पा रहे है या उनके विकास में किसी तरह की समस्या है, कीड़े लग रहे है या खोखलें हो रहे है, तो ये ट्री एम्बुलेंस उन वृक्षों को चिन्हित कर उनका इलाज़ करेगी। उनपर आवश्यक जल, रसायन या अन्य किट नाशक का छिड़काव करेगी। जिससे वृक्ष पुनर्जीवित हो सके और पनप सकें।

मेयर ने नगर वासियों से कहा कि, लेकिन “एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना” वाले गीत को चरितार्थ करते हुए आप सभी हमारी इस मुहिम से जुड़े। ये समझना होगा कि वृक्षारोपण जितना ज़रूरी है उससे कहीं ज्यादा उसका पालनपोषण है। ये ट्री एम्बुलेंस तो अपना काम करेगी पर आप भी अगर अपने क्षेत्रों में ऐसी अवस्था मे वृक्ष देखे तो हमे बताए लेकिन उससे भी पहले हर नागरिक अपने-अपने गली,मोहल्ले और कालोनियों में स्वयं पेड़-पौधों को संरक्षित और पोषित करने का प्रयास करें।

तब जाकर हमारी ये कोशिश सफल होगी और माता अहिल्याबाई बाई की ये नगरी वृक्षों वाली हरियाली नगरी भी बनेगी। और मेरा मानना है कि मनुष्य के स्वास्थ्य का सीधा संबंध पर्यावरण से अर्थात वृक्षों से है। जितने स्वस्थ वृक्ष उतनी ज्यादा हरियाली, जितनी ज्यादा हरियाली उतनी ज्यादा ऑक्सीजन और जितनी ज्यादा ऑक्सीजन, उतना ही लम्बा मानव जीवन