कचरे से करोड़पति बनेगा इंदौर नगर निगम

Akanksha
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Biomethenization plant

इंदौर: चौथी बार देश का सबसे साफ़ शहर बनने के बाद इंदौर ने पांचवीं बार नंबर वन आने की तैयारी शुरू कर दी है। एक बार फिर स्वच्छता में नंबर वन आने के लिए इंदौर गीले कचरे को खत्म करने के लिए एक और पहल की शुरुआत करने जा रहा है। नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पल ने बताया कि इस पहल के तहत डिस्पोजल साइट देवगुराडिया पर 500 टन प्रतिदिन क्षमता का बायो मेथेनाईजेशन प्लांट के माध्यम से स्थापित किया जा रहा है।

Biomethenization plant

इस प्लांट का काम दो चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण में 200 टन क्षमता का प्लांट अप्रैल 2021 में सीएनजी गैस का उत्पादन शुरू होगा। वही दूसरे चरण में 500 टन क्षमता का प्लान दिसंबर 2021 तक लगभग 17500 किलोग्राम सीएनजी गैस का उत्पादन पूरा होगा।

Biomethenization plant

IEISL नई दिल्ली के साथ ही ज्वाइंट वेंचर के रूप में विदेशी कंपनी Proweps Envirotee GmBH, Germany इस प्लांट की स्थापना में योगदान देंगे। प्लांट का काम पूरा होने पर शहर के अंदर पैदा होने वाले 500 टन गीले कचरे का निपटारा होगा। साथ ही यह नगर निगम की आय का स्त्रोत भी होगा। इस प्लांट को लगाने के लिए कंपनी 150 करोड़ रुपए खर्च करेंगी। इसके लिए नगर निगम पर कोई वित्तीय बोझ नहीं होगा।

Biomethenization plant

एक तरफ जहां इस प्लांट को लगाने के लिए नगर निगम पर कोई बोझ नहीं पड़ने वाला है, वहीं दूसरी ओर इस प्लांट को लगाने वाली कंपनी नगर निगम को हर साल 2,52,50,000 रुपए प्रीमियम के रूप में 20 सालों तक देगी ।साथ ही प्लांट से पैदा होने वाली 17500 किलोग्राम सीएनजी गैस में से 50 प्रतिशत अर्थात 8750 किलोग्राम सीएनजी मार्केट रेट से 5 रुपए प्रति किलोग्राम कम दर पर नगर निगम को उपलब्ध कराई जाएगी।