इंदौर : बिजली विभाग ने 900 करोड़ रूपए का रिकॉर्ड़ किया संग्रहित, ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कर्मचारियों को दी बधाई

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इंदौर(Indore) :  मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जुलाई 2022 में 900 करोड़ रूपए का रिकॉर्ड़ राजस्व संग्रहित किया है। इस उपलब्धि पर प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कंपनी प्रबंधन, अधिकारियों, कर्मचारियों को बधाई दी है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जुलाई 2022 में अभियान चलाकर पूरे 31 दिन राजस्व संग्रहण के लिए विशेष प्रयास किए। इसी का आशातीत परिणाम रहा कि जुलाई मासांत तक कंपनी को 900 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इस राजस्व में सबसे ज्यादा 246 करोड़ इंदौर शहर वृत्त से प्राप्त राशि है।

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ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर 900 करोड़ रूपए का राजस्व संग्रहण करने पर बधाई देते हुए कहा कि यह कंपनी के प्रबंधन, अधिकारियों, मैदानी कर्मचारियों के परिश्रम का परिणाम है। ऊर्जामंत्री ने इसके साथ ही समय पर राशि चुकाकर ऊर्जा क्षेत्र में अपनी सकारात्मकता से भूमिका निभाने वाले सम्मानीय उपभोक्ताओं को भी आभार माना है। उन्होंने इंदौर शहर वृत्त की टीम को भी तीन माह में कुल सात सौ करोड़ से ज्यादा अर्जित करने पर बधाई दी। इधर मप्र के प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जुलाई 2022 में 900 करोड़ से ज्यादा रिकॉर्ड राजस्व संग्रहण पर कंपनी प्रबंधन, अधिकारियों, कर्मचारियों को बधाई दी है।

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समय पर राशि चुकाने वाले उपभोक्ताओं के प्रति भी आभार व्यक्त किया है। दुबे ने विशेष तौर पर इंदौर शहर वृत्त की टीम को बधाई दी, जिन्होंने सतत तीन माह सवा दो सौ करोड़ से ज्यादा का राजस्व एकत्र कर रिकॉर्ड बनाया है। इंदौर शहर का सीआरपीयू भी मप्र में सबसे ज्यादा है।

सभी ने समर्पित भाव दिखाया- प्रबंध निदेशक

मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने कहा कि जुलाई में ग्रीष्मकाल के अंतिम माह जून की बिल राशि की बिलिंग राशि एकत्र करने के लिए विशेष प्रयास किए। माहभर सभी कर्मचारियों, अधिकारियों ने समर्पित भावना के साथ कार्य किया। तोमर ने कहा कि कर्मचारियों की कठिनाइयों का त्वरित समाधान किया गया, ताकि वे अगले दिन अच्छे मनोबल के साथ कार्य करे। इसी का परिणाम 900 करोड़ के राजस्व संग्रहण के साथ सामने आया। तोमर ने कहा कि सामान्य रूप से जुलाई में बिल राशि आबादी क्षेत्रों से ही प्राप्त होती है, क्यों कि यह समय किसानों की ओर से मिलने वाले अंशदान(एफआरटी) का नहीं होता है।