इंदौर। संभाग में दुग्ध उत्पादन की विपुल संभावना है। पशु नस्ल सुधार द्वारा इसे और बढ़ावा दिया जाए। संभाग में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के सभी जतन किए जाएं। किसानों के खेत और उनके भंडार गृह से सीधे कृषि उपज उनके अपने दाम पर बिक सके इसके लिए ई- मंडी को भी प्रोत्साहित किया जाए। आज कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कृषि एवं अनुषंगी विषयों की समीक्षा बैठक में यह बात कही गयी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आयोजित इस बैठक में खरीफ-2022 की समीक्षा की गई। वही रबी 2022-23 के लिए आवश्यक तैयारियों पर भी संभाग के सभी कलेक्टर्स और अन्य संबंधित अधिकारियों से चर्चा की गई। बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा एवं भोपाल से कृषि, पशुपालन, सहकारिता, मार्कफेड इत्यादि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में कृषि विपणन बोर्ड की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इन्दौर संभाग में एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 393 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें वर्तमान तक 73 करोड़ 76 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। इस योजना के तहत किसानों और हितग्राहियों को जानकारी देने के लिए आगामी माह में एक राज्य स्तरीय कार्यशाला भी इंदौर में आयोजित की जाएगी।
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान बताया कि संभाग के विभिन्न जिलों में लम्पी डिजीज से 3367 पशु प्रभावित हुए हैं। अभी तक संभाग के सभी ज़िलों में 1,07375 पशुओं का वैक्सीनेसन किया जा चुका है। लम्पी डिजीज की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। वैक्सीन की सतत् उपलब्धता के प्रयास किये जा रहे हैं।
बैठक में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जे .एन कंसोटिया ने कहा कि जिन पशुओं को लम्पी डिसीज की वैक्सीन लगायी जा चुकी है, उनकी सींग में चिन्ह लगाकर उन्हें चिन्हित भी किया जाए। बैठक में निर्देश दिये गये कि पशु कल्याण समिति में उपलब्ध राशि का बेहतर उपयोग करें और पशुओं के लिए निर्मित अस्पताल में सुविधाओं में इजाफा भी करें। इंदौर दुग्ध संघ द्वारा इंदौर शहर में 73 स्थानों पर दुग्ध पार्लर खोले जाने पर भी आगे की कार्रवाई शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए।
ई-मंडी पर चर्चा करते हुए बैठक में बताया गया कि प्रदेश की आठ चयनित मंडियों में इन्दौर भी शामिल है। ई-मंडी के माध्यम से व्यापार करने के लिए एमपी फार्मगेट ऐप बनाया गया है। संभाग में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी सभी जतन करने के निर्देश दिए गए। बताया गया कि संभाग में 10 हज़ार से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती के लिए अपना पंजीयन कराया है। बैठक में ग्यारहवीं कृषि संगणना 2021-22 के लिए प्रचलित कार्रवाई की भी जानकारी ली गई। इस संबंध में अक्टूबर 2022 से फील्ड कार्य की शुरुआत की जाएगी।
बैठक में विभिन्न फसलों के क्षेत्र आच्छादन एरिया की भी जानकारी ली गई। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष अच्छी बारिश के कारण उर्वरक की डिमांड भी रहेगी अतः अभी से उर्वरक की सतत आपूर्ति और उपलब्धता के लिए भी व्यवस्थाएं समय रहते सुनिश्चित की जाएगी।