Indore : 800 करोड़ की जमीन मेट्रो कम्पनी को मिलेगी, प्राधिकरण को फिर लगा तगड़ा फटका

Share on:

टीसीएस और इन्फोसिस के लिए 230 एकड़ सुपर कॉरिडोर की जमीन लुटा चुके प्राधिकरण को शासन की ओर से एक और तगड़ा फटका लगाया जा रहा है। विजय नगर बस डिपो  की बेशकीमती पौने 3 लाख स्क्वेयर फीट जमीन, जिसका मूल्य 800 करोड़ रुपए से ज्यादा है, उसे अत्यंत सस्ते में मेट्रो रेल कार्पोरेशन को सौंपने का निर्णय कल बोर्ड बैठक में लिया गया। मजे की बात यह है कि कुछ समय पूर्व प्राधिकरण बोर्ड संकल्प पारित कर इस जमीन का भू-उपयोग बस स्टैंड से वाणिज्यिक करने का प्रस्ताव भी शासन को भेज चुका है।

प्राधिकरण ने वर्षों पहले विजय नगर बस स्टैंड के पीछे की जमीन रिलायंस को बेचकर ढाई सौ करोड़ कमाए थे और उससे ही सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 सहित रीजनल पार्क सहित कई विकास कार्य किए। प्राधिकरण बोर्ड बैठक में कल विजय नगर बस डिपो की 2.64 हेक्टेयर जमीन नगरीय विकास और आवास विभाग को हस्तांतरण करने का निर्णय लिया गया। हालांकि अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा का कहना है कि यह निर्णय प्राधिकरण के हित में नहीं है और इस बारे में मुख्यमंत्री से आज चर्चा भी की जाएगी। प्राधिकरण इस जमीन को बेचकर शहरभर में ओवरब्रिज, मास्टर प्लान के साथ अन्य प्रमुख सडक़ों का निर्माण कर सकता है। हालांकि शासन ने प्राधिकरण को जमीन के बदले प्रतिपूर्ति का भरोसा दिलाया है।

Also Read –

हालांकि कलेक्टर गाइडलाइन से यह जमीन पौने 300 करोड़ है, जबकि बाजार दर 800 करोड़ से ज्यादा है। मेट्रो रेल कार्पोरेशन इस जमीन का व्यवसायिक दोहन कर अपनी लागत की कुछ वसूली करेगा। इधर बोर्ड बैठक में टीपीएस योजनाओं में राजस्व रिकॉर्ड के संशोधन और सुधार पर भी निर्णय लिया गया, जिसका खुलासा कल अग्निबाण ने किया था।

लवकुश के साथ अन्य दो ओवरब्रिजों के भी जल्द भूमिपूजन
प्राधिकरण द्वारा लवकुश चौराहा पर जो सिक्स लेन का ओवरब्रिज बनाया जा रहा है उसकी आधारशिला आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान रखेंगे। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा का कहना है कि लवकुश चौराहा के साथ ही पिछले दिनों भंवरकुआ और खजराना के फ्लायओवर के भी कार्य आदेश जारी कर दिए थे और मुख्यमंत्री जी से आज चर्चा कर इन दोनों फ्लायओवरों की भी आधारशिला, भूमिपूजन के लिए समय मांगा जाएगा, ताकि इनका भी निर्माण मौके पर कराया जा सका। लवकुश चौराहा के फ्लायओवर बनने से सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 से लेकर उज्जैन और बाणगंगा की ओर जाने वाला यातायात भविष्य में सुगम हो सकेगा। इसमें कोई सर्विस रोड नहीं रहेगी।