इंदौर प्रबंधन विकास कार्यक्रम का हुआ आयोजन, प्रबंधकीय प्रभावशीलता के लिए मनोविज्ञान के 10 सिद्धांत पर हुई चर्चा

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इंदौर प्रबंधन एसोसिएशन
प्रेजेंट्स
प्रबंधन विकास कार्यक्रम
मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम
इंदौर प्रबंधन एसोसिएशन ने शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2022 को डॉ. संदीप अत्रे परामर्श मनोवैज्ञानिक और ‘भावनात्मक बुद्धि’ विशेषज्ञ, इंदौर के साथ प्रबंधन विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। सत्र में ‘Ten Tenets of Psychology for Managerial Effectiveness’ ‘ विषय पर चर्चा हुई।

Key Takeaways:
एक मैनेजर को प्रभावी होने के लिए ‘मस्तिष्क व मन’ से जुड़े सिद्धांतों की समझ ज़रुरी है, उदाहरणार्थ:
• मानसिक क्षमता की ज़रुरत वाले किन्हीं भी दो कार्यों में मल्टीटास्किंग मुमक़िन ही नहीं है. दिमाग सिर्फ़ स्विच-टास्किंग कर सकता है, और ऐसा करने में भी हमारे काम की गुणवत्ता कम होती है.

• विल-पावर एक सीमित संसाधन है. जब वो एक परिस्थिति में खर्च होती है तो अगली परिस्थिति में कम उपलब्ध होती है. इसलिए हमें अपनी विल-पावर का ऐसे प्रबंधन करना चाहिए कि हमारे महत्वपूर्ण अवसरों पर वो ज़्यादा मात्रा में उपलब्ध हो.

• जो शख़्स ‘पोज़िशन ऑफ़ अथॉरिटी’ में होता है वो एक इमोशनल ट्रांसमीटर की तरह होता है. उसके मूड का प्रभाव कार्यस्थल के इमोशनल क्लाइमेट पर पड़ता है और कार्यस्थल की उत्पादकता पर सीधा असर डालता है.

• हमारा मस्तिष्क किसी भी वक़्त पर दो मोड्स में से किसी एक में संचालित होता है – नरेटिव सर्किट या डायरेक्ट-एक्सपीरियंस सर्किट. अगर एक सक्रिय हो तो दूसरा निष्क्रिय हो जाता है. इसीलिए अच्छी ऑब्ज़र्वेशनल स्किल के लिए अपने भीतर के कथानक को शांत करना ज़रुरी होता है, ताकि आप प्रत्यक्ष अनुभव के साक्षी हो सकें.

• ब्रेन के लिए सफलता की साइज़ से ज़्यादा सफलता की फ्रीकवेनसी अहम होती है. इसलिए टीम का जज़्बा तभी बना रह सकता है जब आप एक लॉन्ग-टर्म गोल को छोटे टार्गेट्स में बांटें और इन शार्ट-टर्म जीतों को भी सराहते जाएं.

Source : PR