इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन ने ओपन फोरम मीट का आयोजन किया

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इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन ने श्री आर गोपालकृष्णन, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर, नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन जी कैस्ट्रॉल इंडिया और डॉ. तुलसी जयकुमार, एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर, सेंटर फॉर फैमिली बिजनेस & entrepreneurship, SPJIMR, (गेस्ट स्पीकर्स) के साथ Tete A Tete, ओपन फोरम मीट का आयोजन किया, जो उनकी हाल ही में लॉन्च हुई पुस्तक, “इनसाइड द बोर्डरूम – हाउ बिहेवियर ट्रम्प्स रेशनैलिटी” पर केंद्रित था। यह कार्यक्रम 26 अक्टूबर, 2023 को प्रतिष्ठित होटल – द पार्क, इंदौर में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के 75 प्रभावशाली व्यापारिक नेताओं का जमावड़ा हुआ।

एनलाइटनमेंट एवं नॉलेज शेयरिंग से भरे  इस कार्यक्रम की शुरुआत आईएमए एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्यों की उपस्थिति में गेस्ट स्पीकर्स द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। आईएमए की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सम्मानित सदस्य और कृति इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक श्री सौरभ सिंह मेहता ने सत्र का कुशलतापूर्वक संचालन किया।

इंटरैक्टिव सेगमेंट के दौरान, श्री मेहता ने लेखकों से विचारोत्तेजक प्रश्न पूछे, उनकी पुस्तक में खोजी गई कोर कॉन्सेप्ट्स पर गहराई से प्रकाश डाला। श्री गोपालकृष्णन और डॉ. जयकुमार ने बोर्डरूम गतिशीलता के अक्सर नजरअंदाज किए जाने वाले व्यवहार संबंधी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए अपनी विशेषज्ञता साझा की। उनकी चर्चा में बोर्ड को संचालित करने वाले नियमों और विनियमों के साथ-साथ बोर्ड के सदस्यों के व्यवहारिक उद्देश्य, या ‘नीति और नियत’ को समझने के महत्व पर जोर दिया गया।

डॉ. जयकुमार ने व्यवसाय के सभी चरणों में गवर्नेंस के महत्व पर जोर दिया, पेरेंटिंग  और कंपनी के प्रबंधन के बीच समानताएं चित्रित कीं। उन्होंने कंपनियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में मानव-केंद्रित वैल्यूज विज़न एंड मिशन  को बनाए रखने की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की ये इम्पोर्टेन्ट है की कंपनी के कोर/सेण्टर पर ऐसे लोग अप्पोइंट हो जो कंपनी के विज़न मिशन एंड वैल्यूज को एथिकल वे में साथ लेके चले । श्री गोपालकृष्णन ने टाटा और एचयूएल के उदाहरणों का हवाला देते हुए एन्त्रेप्रेंयूर्शिप और मैनेजमेंट  के मेल पर जोर दिया, और कम्पनीज के लॉन्ग टर्म सस्टेनेबिलिटी क लिए उन लोगो का कंपनी में होने पर ज़ोर दिआ जो ह्यूमन बेहेवियर सिगनल्स को अच्छे से पढ़ पाए
राइट  गवर्नेंस बॉडी कम्पोजीशन के विषय को संबोधित करते हुए, डॉ. जयकुमार ने सही प्रतिभा को आकर्षित अच्छी प्रथाओं के लिए मान्यता प्राप्त होने के महत्व पर जोर दिया। श्री  गोपालकृष्णन ने एक्टिव डाइवर्सिटी  इन डिसिशन -मेकिंग  प्रोसेसेज पर प्रकाश डाला.

दोनों स्पीकर्स नें कहा की AI  को बनाने वाले भी हुमंस है जिनकी नेचुरल टेंडेंसीएस में बायस होना भी शामिल है, तो हम कैसे मान सकते है की AI नॉन बायस्ड है पर इस्के साथ ही हमे अब कम्पनीज को AI को शामिल करने के लिए प्रेपर करना होगा. यह भी एक जर्नी ऑफ़ लर्निंग रहेगी.  उन्होंने शासन रणनीतियों में एआई पर विचार करने और कंपनियों को इस तकनीकी विकास के लिए तैयार करने को प्रोत्साहित किया।

सत्र का समापन एक आकर्षक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जहां दर्शकों ने बोर्डरूम के भीतर शासन और व्यवहार की गतिशीलता की बारीकियों को गहराई से समझा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अवोइडिंग बायस इन बोर्डरूम , पर्टिक्यूलरली  अथॉरिटी  बायस , और  फोस्टरिंग एक्टिव डाइवर्सिटी  इन  गवर्नेंस  प्रैक्टिसेज  के महत्व पर जोर देना था।