Indore: दो अनजान किनारों को आपस में मिलाते हैं, चलो उमड़ती नदी पर आज एक पुल बनाते हैं – न्यायाधीश विवेक रूसिया

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इंदौर। उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति विवेक रूसिया द्वारा एक दिवसीय मीडिएशन रिफ्रेशर कार्यक्रम का शुभारम्भ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के कान्फ्रेंस हॉल में किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए न्यायाधिपति रूसिया द्वारा व्यक्त किया गया कि न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई के दौरान समाज में टूटते बिखरते परिवार को देखकर हृदय विचलित हो जाता है और अंतिम क्षण तक मेरा यह प्रयास होता है कि मध्यस्थता के माध्यम से ऐसे प्रकरणों का निराकरण कराकर दोनों पक्षकारों की जीत सुनिश्चित कराई जा सके।

उन्होंने बताया कि पुरातन समय से ही मध्यस्थता विभिन्न समूहों और पक्षकारों के बीच विवादों को सुलझाने का एक सशक्त माध्यम रहा है। मध्यस्थता का सर्वोपरि लाभ यह है कि यह किसी निर्णय पर समाप्त नहीं होता जिसमें कि एक पक्ष विजयी होता है और दूसरा पराजित। सफल मध्यस्थता “समाधान” पर समाप्त होता है जिसमें दोनों पक्ष विजयी होते हैं। इस प्रकार कानूनी प्रक्रिया सहित सभी के लिए यह एक जीत की स्थिति होती है जो विवाद को सुलझाने हेतु मध्यस्थता का अनुसरण करने के लिए अन्य लोगों को प्रोत्साहित करता है।

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पोटेंशियल ट्रेनर अनूप श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित मीडिएटरों का परिचयात्मक उद्बोधन करने के पश्चात् एक दिवसीय मीडिएशन रिफ्रेशर कार्यक्रम की विषय वस्तु से सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। प्रथम सत्र में संघर्ष और उसका प्रबंधन, दूसरे सत्र में संचार और कौशल, तीसरे सत्र में मध्यस्थता की प्रक्रिया और अवस्था, चौथे सत्र में समझौता वार्ता, अवरोध और रणनीतियां, पांचवे सत्र में सौदेबाजी, छठवे सत्र में गतिरोध और प्रबंधन, सातवे सत्र में मध्यस्थ की भूमिका और नैतिकता विषय पर प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया गया।

एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन जिला विधिक सहायता अधिकारी उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इंदौर नीष कौशिक द्वारा किया गया। उक्त रिफ्रेशर कार्यक्रम में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार/सचिव अजय प्रकाश मिश्र, ओ.एस.डी/रजिस्ट्रार नवीन पाराशर, सिस्टम ऑफिसर, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इन्दौर के समस्त स्टाफ एवं मीडिएटर्स सम्मिलित हुए।