इंदौर। हिंदुत्व एक भाव है और यह हमारा इतिहास रहा है कि हिंदुओ ने कभी किसी देश पर आक्रमण नही किया कभी नफ़रत फैलने का काम नहीं किया। दुनिया में यदि शांति भाई चारा सौहार्द सत्यापित करने का काम और प्रयास हुआ तो वो हिंदुत्व के भाव से हुआ लेकिन दुख इस बात का है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व चाहे सोनिया गांधी हो राहुल गांधी हो कमलनाथ हो दिग्विजय सिंह हो केवल जाती के आधार पर धर्म के आधार पर चुनावी लाभ लेने के लिए नफ़रत फैलाने के लिए लोगो को बाटने का काम कर रहे है।
जहाँ एक और कांग्रेस अपनी वर्किंग कमिटी में हमास पर हुए हमले की निंदा करता है और देश विरोधी काम करता है वहीं इंदौर के राऊ विधानसभा के प्रत्याशी जितु पटवारी नफ़रती हिंदू नहीं होने की बात करते है ।मुझे एसा लगता है कि यह भारत की राजनीति में केवल और केवल चुनाव का लाभ लेने के उद्देश्य से दिया गया घोर आपत्तिजनक और निंदनीय बयान है हिंदू हमेशा सहश्नु है ।हिंदू हमेशा प्रेमी है हर सुख दुख में हर वर्ग के साथ खड़ा है । हिंदू सिर्फ़ हिंदू है केवल चुनाव का लाभ लेने के लिए जितु पटवारी नफरती हिंदू की नई संज्ञा लेकर आए है ये उसी कांग्रेस के कार्यकर्ता है।
जिसने एक बार भगवा आतंकवाद को जन्म देने का काम किया था ये उसी कांग्रेस के कार्यकर्ता है ।जिसके विधायक और खरगौन के कांग्रेस प्रत्याशी रवि जोशी अपनी सभा में कहते है दंगों का हिसाब लिए जाएगा में प्रदेश के कांग्रेस नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व से पूछना चाहता हूँ कि दंगों में किससे हिसाब लेने की बात हो रही है एक और प्रधानमंत्री इज़राइल पर होने वाले हमले की निंदा की है साथ ही हताहत लोगो को दवाई और खाना उपलब्ध कराने का काम भी किया है लेकिन दूसरी और जे एन यू और ए एम यू में हमास पर हमले के विरोध में रैली निकलती है जिसका कांग्रेस समर्थन करती है।
दिग्विजय सिंह यह बताए जिन्होंने भगवा आतंकवाद गढ़ने का काम किया हिंदू धर्म को बदनाम करने का काम किया था वो अब नफ़रती हिंदू की संज्ञा क्यों लेकर आए है । केवल चुनाव के लिए हिंदू धर्म को हिंदू समाज के लोगो को बाटने का यह कुत्सित प्रयास भारतीय जनता पार्टी बिलकुल सहन नहीं करेगी। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस बात का जवाब दे बाटला हाउस पर आंसू बहाने वाले लोग केरल पर हुए हमले पर चुप क्यों है, जितु पटवारी यह बताए कुंठा भ्रम की राजनीति अब नफ़रत की राजनीति की तरफ़ क्यों बदल रहे है। हिंदुत्व हमेशा चिरंजीव है और भारत का इतिहास है ऐसे में जितु पटवारी का यह बयान घोर निंदनीय है।