Indore: महाकाल लोक के भव्य एवं दिव्य लोकार्पण समारोह का साक्षी बनेगा इंदौर, भक्ति, उल्लास और उमंग से सराबोर होगा शहर

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इंदौर। उज्जैन में 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह के लिए इंदौर जिले में भी व्यापक तैयारियां जारी है। महाकाल लोक के भव्य एवं दिव्य लोकार्पण समारोह का साक्षी इंदौर भी बनेगा। इस दिन इंदौर के लगभग सभी मंदिरों और धार्मिक संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। पूरा इंदौर भक्ति, उल्लास और उमंग से सराबोर रहेगा। कार्यक्रम आयोजन की तैयारियों के सिलसिले में आज रविंद्र नाट्य गृह में विभिन्न मंदिरों के संचालकों और धर्मगुरुओं तथा धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई।

यह बैठक कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशानुसार आयोजित की गई। इस बैठक में सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सभापति मुन्नालाल यादव, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, गौरव रणदिवे, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, अपर कलेक्टरगणपवन जैन, अभय बेडेकर तथा राजेश राठौर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी, महापौर परिषद के सदस्य, पार्षदगण भी मौजूद थे। बैठक में राज्य शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के परिपालन में की जाने वाली व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई। साथ ही इंदौर जिले में स्थित सभी मंदिरों के संचालकों को उनके द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में भी बताया गया।

सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि 11 अक्टूबर का आयोजन इतिहास के स्वर्णिम अध्याय में लिखा जायेगा। इस कार्यक्रम में हम साक्षी बने यह हमारे लिये गौरव का विषय रहेगा। कार्यक्रम के आलौकिक प्रभाव का सभी को अनुभव करना चाहिए। इसके लिये जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने कहा‍ कि केन्द्र सरकार द्वारा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे है। इंदौर में भी धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं है। महाकालेश्वर एवं ओंकारेश्वर को मिलाकर इंदौर के आस-पास के क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाने के प्रयास होंगे।
कार्यक्रम में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि हम सांस्कृतिक एवं धार्मिक पुनरोत्थान के साक्षी बन रहे हैं। हम भव्य एवं दिव्य समारोह से वंचित नहीं रहे, इसके लिये इस कार्यक्रम से जरूर जुड़े। गौरव रणदिव ने भी सभी से आग्रह किया कि वे भव्यता के साथ कार्यक्रमों का आयोजन करें। इस कार्यक्रम का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जिले में ऐसे भव्य कार्यक्रम आयोजित किये जाए, जिससे की इतिहास में इंदौर का भी नाम दर्ज हो।

अपर कलेक्ट पवन जैन ने सभी संबंधितों से आग्रह किया कि वे 11 अक्टूबर को अपने-अपने क्षेत्र में कार्यक्रमों का प्रभावी आयोजन करें। बैठक में बताया गया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले के शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के समस्त मंदिरों में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। बताया गया कि 11 अक्टूबर के पूर्व प्रत्येक ग्राम के सभी मंदिरों के आस-पास के क्षेत्र में दो दिन पूर्व से प्रभात फेरी का आयोजन होगा। साथ ही सभी गांवों में महाकाल लोक से संबंधित अथवा कार्यक्रम से संबंधित फ्लेक्स, होर्डिंग लगाये जायेंगे। मंदिर के पुजारी, संत, आध्यात्मिक-सामाजिक व्यक्तियों, मंदिरों की प्रबंध समिति के सदस्यों, पंच, सरपंच, पार्षद, नगर परिषद अध्यक्ष, जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष तथा ग्राम पटेल, अन्य गणमान्य व्यक्तियों एवं जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रमों में ससम्मान आमंत्रित किया जायेगा। धार्मिक संस्थाऐं व संप्रदाय के सदस्यों जैसे जय गुरूदेव संस्था, ब्रह्माकुमारीज़, आर्ट ऑफ लिविंग, ईशा फाउण्डेशन या ऐसी संस्थाओं को भी संपूर्ण कार्यक्रम में जोड़ा जाना है।

आग्रह किया गया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से डीपी लगाकर “मैं जुड़ रहा हूं महाकाल लोक से, आप भी अवश्य जुड़े” का मैसेज प्रसारित जाये। डीपी में महाकाल लोक का चित्र भी लगाया जाये। निर्धारित 11 अक्टूबर को आयोजन स्थल अर्थात ग्राम के प्रमुख मंदिर में नागरिकों को आमंत्रित करने के लिये जनप्रतिनिधियों द्वारा पीले चावल का वितरण किया जाये। आयोजन के पूर्व ग्राम में स्वच्छता अभियान चलाया जाये। विशेषकर मंदिरों की साफ-सफाई, पुताई, साज-सज्जा भी की जाये।

मंदिरों में 11 अक्टूबर को नागरिकों के बैठने के लिये बिछायत अथवा कुर्सी आदि की व्यवस्था की जाये। भक्तजनों को ससम्मान बैठाया जाये और उन्हें कार्यक्रम के संबंध में बताये। कार्यक्रम के दिन मंदिरों में विशेष पूजन का आयोजन किया जाये। प्रसाद का वितरण भी हो। प्रत्येक मंदिर में टीवी लगाये जाये, जिससे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण अधिक से अधिक लोग देख सकें। बताया गया कि किसी एक बड़े मंदिर का चयन कर उसमें एलईडी स्क्रीन लगाई जायेगी, जिससे क्षेत्र के सभी गणमान्य व्यक्ति वहाँ बैठकर उज्जैन के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकेंगे।

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कार्यक्रम के दिन मंदिर में दीप प्रज्जवलित किये जायेंगे। साथ ही विद्युत रोशनी भी की जायेगी। मंदिरों को झण्डे तथा पताकायें लगाकर सजाया जायेगा। पूजा-अर्चना होगी। शंख ध्वनि की जायेगी। प्रत्येक शिव मंदिर में विशेष अभिषेक होगा। नागरिकों को कार्यक्रम के दिन अपने-अपने घरों में दीपक जलाने हेतु प्रेरित किया जायेगा।