Indore: रिश्तों को तार-तार करते संपत्ति विवाद के मामले में समझाइश से निकला हल, पीड़ित वृद्धा को मिली राहत

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इंदौर। जिले में कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में भरण पोषण अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत जिले में जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील पहल करते हुये अनेक टुटते हुये परिवारों को बचाया गया और पीड़ित वृद्धों को राहत और न्याय दिलवाया गया।

ऐसा ही एक मामला जन सुनवाई में एडीएम राजेश राठौर के समक्ष आया। इसमें एक 90 वर्ष की वृद्धा ने रोते बिलखते हुये अपने दुख दर्द को बंया किया। उसकी समस्या को गंभीरता से सुना गया और राहत दिलाने के लिए आश्वस्त किया। बताया गया कि उक्त मामला वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक डॉ. वंचना सिंह परिहार को सौंपा गया और पूरी जांच कर तुरंत सहायता करने के निर्देश दिये गये।

इस मामले में वृद्धा ने बताया कि उसके बड़े बेटे और बहू और पूरा परिवार उसके साथ गाली-गलौच करते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं। डॉ. परिहार ने उसकी समस्या को सविस्तार सुना, समझा। उन्होंने बताया कि वृद्धा हिंसा पीड़ित थी, लेकिन हिंसा का प्रमुख कारण प्रॉपर्टी से संबंधित था। मामला परामर्श के लिए परामर्शदात्री अलका फणसे के पास भेजा गया। बताया गया कि वृद्ध महिला के पति का वर्षों पहले देहांत हो चुका है। उसके दो बेटे एक ही प्लाट पर लगकर बने मकानों में रह रहे है। कॉमन पोर्च है। खरीदी गई जमीन पर दोनों का विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। माँ कभी छोटे बेटे तो कभी बड़े बेटे के पास रहती है। एक दूसरे से मनमुटाव के कारण माँ की आफत हो रही है।

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संदेह के कारण दोनों ही बेटे और बहुएं माँ को खाना नहीं देती है। परिजनों को समझाइश दी गई उनके संदेह को समाप्त करने का प्रयास किया गया। परिजनों को समझाया गया कि वे वृद्ध माँ के प्रति सहानुभूति रखे, उनसे अच्छा व्यवहार करें। समय पर खाना दें। यह उनका नैतिक, सामाजिक तथा वैधानिक दायित्व भी है। वृद्धा के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत मिलने पर परिजनों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। एडीएम राजेश राठौर ने दोनों भाइयों को चेतावनी दी है कि यदि अब वृद्धा के साथ दुर्व्यवहार हुआ तो न्यायालयीन प्रकरण दर्ज कर सजा का प्रावधान किया जा सकेगा।