Indore : Devi Ahilya Bai Nursery में हर साल तीन लाख पौधे होते है तैयार, पिछले साल नगर निगम ने खरीदे 1 लाख पौधे

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आबिद कामदार

Indore। पेड़ पौधे वातावरण को शुद्ध रखने और संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, यह पौधे हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, ऐसे में पौधरोपण करने की चाह रखने वालों को इन पौधों के लिए भारी भरकम पैसा चुकाना पड़ता है, फॉरेस्ट विभाग की रेसीडेंसी एरिया में स्थित देवी अहिल्याबाई नर्सरी (Devi Ahilya Bai Nursery) में ऐसे कई प्रकार के हरे भरे पौधों को तैयार किया जाता है। जो शहर के नगर निगम, जनसामान्य और अन्य विभागों को एक निर्धारित दर पर दिए जाते हैं।

जो शहर में मिलने वाले पौधों के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं, पिछले साल के आंकड़ों की बात की जाए तो लगभग 3 लाख पौधों को तैयार कर नर्सरी ने अन्य विभागों को दिए है, जिससे लगभग 10 लाख राजस्व की अर्निंग विभाग को हुई है। इसमें सिर्फ इंदौर नगर निगम ने 1 लाख करीब पौधे पिछले एक साल में इस नर्सरी से खरीदे हैं। इसी के साथ नर्सरी से देवास, महू, राऊ, जनसामान्य संस्थाएं, बीपीसीएल, स्कूल, कॉलेज, पंचायत, और अन्य जगह के विभाग पौधे ले जाते है।

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बड़े छोटे बैग्स के आधार पर तय है शासकीय दरें

शासकीय दरों के आधार पर पौधे दिए जाते है, जिसमें दो दर निर्धारित है, 15.25 सेंटीमीटर के बैग में तैयार पौधे की कीमत 12 रुपए वहीं 20.30 सेंटीमीटर साइज की पॉलीथिन का पौधा 35 रुपए तय है।वहीं अगर बात इन पौधों को तैयार करने में आने वाले खर्च की करी जाए तो लगभग 5 रुपए 80 पैसे के आसपास आती है। इसमें पौधे की निंदाई, गुडाई, सिंचाई और अन्य रखरखाव शामिल है।

यह पौधे किए जाते हैं तैयार

देवी अहिल्या बाई नर्सरी (Devi Ahilya Bai Nursery) में कई प्रकार के पौधे तैयार किए जाते है, जिसमें शिशु, चिरोल, नीम, कनेर, फलदार में जाम, आम, चीकू, बादाम, बांस, बहेड़ा, आंवला, और अन्य प्रकार के पौधे तैयार किए जाते है। इसी के साथ जनसामान्य में मांग के अनुसार खुशबूदार, और सजावटी पौधे विभाग द्वारा तैयार किए जाते है।

ऑर्गेनिक बेस्ड पौधे इस तरह किए जाते हैं तैयार

एक पौधे को बीज से प्लांट का रूप लेने में लगभग 2 महीने का समय लगता है, वहीं कई अन्य प्रजातियों के पौधे ज्यादा समय भी लेते हैं। इसे तैयार करने के लिए एक बैग में वर्मी कंपोस्ट, रेत और इनसे तीन गुना मिट्टी का लेकर इसका मिश्रण तैयार किया जाता है। पौधों की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे नर्सरी में ही तैयार किया जाता है। इन पौधों में किसी प्रकार की कोई भी कीटनाशक का इस्तेमाल नही किया जाता है, यह पूरी तरह से ऑर्गेनिक बेस्ड होते हैं।

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