इंदौर संभागायुक्त ने नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों और सफाई कर्मचारियों को दिया स्वच्छता का श्रेय

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नई दिल्ली। इंदौर को पुरस्कार मिलने के पश्चात इंदौर संभागायुक्त डॉक्टर पवन कुमार शर्मा ने कहा कि कोई भी पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है लेकिन उसे बचाये रखना कहीं अधिक कठिन होता है। यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि इन्दौर ने देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार अपने पास बचाए रखने में कामयाबी हासिल की है। इस कामयाबी का श्रेय इन्दौर के नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों और प्रशासकों के साथ ही सफाई कर्मचारियों को जाता है।

उन्होंने आगे कहा, ‘बीते वर्षों के दौरान इन्दौर ने सरफेस यानी जमीनी सफाई पर ध्यान दिया था लेकिन बीते कुछ महीनों के दौरान इन्दौर ने जमीन के निचले हिस्से अर्थात सीवरेज और हवा की गुणवत्ता को लेकर विशेष ध्यान दिया। इस क्रम में जहां शहर के देवगुरुड़िया में एशिया का सबसे बड़ा बायो गैस प्लांट लगाया गया तो वहीं एयर क्वालिटी पर नजर रखने के लिए विभिन्न जगहों पर मॉनिटर भी लगाये गए। इसके साथ ही शहर ने पॉलिथिन मुक्त इन्दौर का अभियान चलाया जिसके अंतर्गत लोगों से अपने पास कपड़े का थैला रखने की अपील की गइ। लोगों ने इस पर अमल किया। इस सबका फल है कि आज इन्दौर एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने में कामयाब हो सका है।

डॉक्टर पवन कुमार शर्मा के मुताबिक कोई कस्बा, शहर, राज्य या फिर देश मुख्य रूप से तीन स्तर पर स्वच्छता संबंधी चुनौतियों का सामना करता है, पहला जमीन पर दूसरा जमीन के नीचे और तीसरा सांस लेने वाली के स्तर पर। इस लिहाज से जहां तक इन्दौर की बात है तो इस शहर ने सबसे पहले जमीन की साफ-सफाई पर ध्यान दिया। इसके बाद शहर की सीवरेज व्यवस्था बेहतरीन की गई। आज स्थिति यह है कि इन्दौर का हर एक घर सीवरेज से जुड़ा हुआ है। वहीं तीसरे स्तर पर हवा की गुणवत्ता के लिहाज से यहां इलेक्ट्रिक और बायो गैस पर चलने वाली बसों का परिचालन किया जा रहा है जिससे वायु प्रदूषण पर रोक लगाने में काफी मदद मिली है। निकट भविष्य में जैसे-जैसे स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों में इजाफा होगा तो शहर की वायु गुणवत्ता और बेहतर होती जाएगी।

स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के सबसे स्वच्छ शहर के लिहाज से इन्दौर ने पहली बार साल 2016-17 में पुरस्कार प्राप्त किया था। उसके बाद 2017-18, 2018-19, 2019-20 और फिर 2020-21 में भी दस लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इस शहर ने अपने खिताब को बचाए रखा। वहीं साल 2021-22 के में एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले स्थान पर काबिज रहते हुए इंदौर ने ‘स्वच्छता का छक्का’ लगाने में कामयाबी हासिल की है।

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इन्दौर की इस सफलता के पीछे न सिर्फ वहां का प्रशासन बल्कि नगर-निगम का सफाई करने का सिस्टम इतना तेज है कि शहर में गंदगी नजर नहीं आती है। शहर में कहीं खुले में नाला नहीं दिखता। साथ ही शहर के पेड़-पौधों और पार्कों की सिंचाई के सीवरेज वॉटर को ट्रीट करके काम में लाया जाता है। सड़कों पर कूड़ा न फैले इसके लिए जगह-जगह पर गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग कूड़ेदान लगाए गए हैं। खास बात यह है कि लोग भी सड़कों पर कूड़ा बिखेरने के बजाय इन्हीं कूड़ेदान का ही इस्तेमाल करते हैं।