Indore: जिला प्रशासन ने दयानंद अस्पताल किया सील, अस्पताल में नही हो रहा था निर्धारित चिकित्सा प्रक्रिया का पालन

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इंदौर। सांसद शंकर लालवानी की अध्यक्षता में विगत दिवस आयोजित की गई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में मातृ मृत्यु समीक्षा के दौरान इंदौर के दयानंद अस्पताल द्वारा प्रसूता अंजली शुक्ला के इलाज में की गई लापरवाही की बात सामने आई थी। कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा उक्त मामले की जांच कर अस्पताल को सील करने के निर्देश दिए गए थे। कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य अमले द्वारा दयानंद अस्पताल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाई गई अनियमितताओं एवं चिकित्सा प्रक्रिया के उल्लंघन को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन द्वारा दयानंद अस्पताल को सील करने की कार्रवाई संपन्न की गई। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप गोयल व डॉ. पूर्णिमा गडरिया के साथ तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर उपस्थित थे।

फंगस लगे इक्विपमेंट्स का ओटी में हो रहा था प्रयोग

जांच के दौरान टीम द्वारा पाया गया की ओटी कल्चर की हालत बेहद खराब और नियमों के विपरीत थी। सीलिंग से पानी गिर रहा था, मेडिकल इक्विपमेंट्स में फंगस लगी हुई थी। डेटॉल के कंटेनर में साबुन का पानी भरा हुआ पाया गया। ऑपरेशन थिएटर अनस्टरिलाइज्ड पाया गया। अस्पताल में प्रोटोकॉल के नियमों के विरुद्ध ओटी संचालित की जा रही थी।

बिना डिग्री के डॉक्टर कर रहे थे उपचार

अस्पताल के संचालक अनिल पांडे के पास वैध डिग्री नहीं पाई गई। वे फर्जी रूप से डॉक्टर के रूप में कार्य कर रहे थे। इसी तरह अस्पताल का कोई भी स्टाफ क्वालीफाइड नहीं था। नर्स से पूछे गए सवालों में पाया गया कि वे ना तो ठीक से पढ़ पाती थी, ना ही उन्हें किस दवाई का उपयोग कब करना है इसकी कोई जानकारी थी।
रजिस्ट्रेशन एक्सपायर होने के बाद भी संचालित किया जा रहा था अस्पताल

जांच के दौरान पाया गया कि श्री प्रकाश खराते जिनके नाम पर दयानंद अस्पताल का रजिस्ट्रेशन था, उनकी मृत्यु दिसंबर 2021 में हो चुकी थी। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन मार्च 2022 में समाप्त हो चुका है। उसके बाद भी अस्पताल को बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था। अस्पताल की क्षमता 10 बेड की थी, इसके उपरांत भी 30 बेड का संचालन किया जा रहा था।

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80 प्रतिशत से ज्यादा दवाइयां हो चुकीं थी एक्सपायर

निरीक्षण के दौरान पाया गया की 80 प्रतिशत से ज्यादा दवाइयां एक्सपायर हो चुकी थी। सिरिंज भी एक्सपायर्ड हो चुकी थी, फिर भी उनका प्रयोग मरीजों पर किया जा रहा था। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि उक्त जांच और डेथ ऑडिट में पाए गए तथ्यों के आधार पर दयानंद अस्पताल आज सील किया गया है। उन्होंने कहा कि दयानंद अस्पताल में डॉ. अभिलाषा भिलोरे द्वारा खराब ओटी स्थिति में सर्जरी की जा रही थी, जो की डॉक्टर्स के कोड ऑफ एथिक्स और मेडिकल नियमों का उल्लंघन है, उनके विरुद्ध भी जांच की जाएगी। लोक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि किसी भी अस्पताल में इस तरह को स्थिति पाई जाती है तो सख्त से सख्त कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी।