इंदौर: डेवलपमेंट फाउंडेशन की महिला आरक्षण विशेषांक वार्ता का विमोचन

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इंदौर। स्वच्छता में तो हम नंबर वन बन गए, लेकिन हरियाली में हम पिछड़े है, नशे में किशोर और युवा तेजी से आगे बढ़ रहे है, जिसे रोकना जरूरी है। कोलोबरशन और को ओपरेशन से कार्य किये जाए। ये विचार विभिन्न प्रबुध् वर्ग के हैं जो उन्होंने डेवलपमेंट फाउंडेशन की पत्रिका वार्ता के विमोचन समारोह मे व्यक्त किये। आयोजन अभिनव कला समाज में हुआ।

अध्यक्षीय संबोधन में वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार अष्ठाना ने कहा कि इंदौर शिक्षा के क्षेत्र में, विकास में आगे बढ़ रहा है। नई शिक्षा नीति पर खूब काम हो रहा है। यहाँ नियोजित विकास होगा तो और अच्छा। शिक्षाविद् डॉ.निशा दुबे ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण मिले, लेकिन योग्यता के साथ समझौता नही हो। अच्छी शिक्षा से योग्यता आती है। अतः शिक्षा का स्तर और बढ़ाने की जरूरत है।

स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने कहा कि इंदौर ऐसा अधभुत शहर है जहाँ सभी लोग मिलजूलकर कार्य करते है। वार्ता पत्रिका मे महिला लेखिकाओं ने बड़े सुंदर लेख लिखे है।यह प्रयास आगे भी जारी रहना चाहिए। समाजसेवी जगदीश वर्मा ने कहा कि इंदौर मे विकास तो हो रहा लेकिन उसका नियोजन भी सही होना जरूरी है। सही मास्टर प्लान बनाया जाए।

विषय प्रवर्तन करते हुए न्यासी आलोक खरे ने कहा कि शहर और प्रदेश के विकास में डेवेलपमेंट् फाउंडेशन काफी सक्रिय हैं। 11वें वित्त आयोग के लिए सरकार को ज्ञापन देना हो या मालवा निमाड़ के लिए मास्टर प्लान बनाना हो डेवलपमेंट फाउंडेशन सतत ११ वर्षो से कार्य कर रहा है। हमारा मकसद प्रदेश का सभी क्षेत्रों में विकास हो।

पूर्व प्रशासनिक अधिकारी सीबी सिंह ने कहा कि हमारा टारगेट भविष्य के मास्टर प्लान का है, लेकिन हमें पिछले मास्टर प्लान की समीक्षा करना भी जरूरी है। 30 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले सभी गाँवों को विकसित किये जाए। इंदौर की एक बड़ी आबादी वह है जो मालवा निमाड़ से आकर यहाँ बस गई है उनको सही शिक्षा, आवास और रोजगार मिले इसकी भी हमें चिंता करना है।

पूर्व चीफ इंजीनीयर जगदीश डगाँवकर ने कहा कि इंदौर शहर का अनियोजित विकास की वजह से यहाँ थोड़ी सी बारिश में जल मग्न या बाढ़ की स्थिति बन जाती है। अतः सही विकास या नियोजित विकास की जरूरत है। इंदौर का मास्टर प्लान 1975 मे बना जो ठीक से लागू नही हुआ। यही स्थिति 1991 और 2008 मे बने मास्टर प्लेन की हुई। 2021 का मास्टर प्लान का कुछ नही हुआ। अब हमें 500 वर्ग किलो मीटर शेत्र का मास्टर प्लान पर काम करना चाहिए।

पर्यावरण विद् डॉ. ओपी जोशी ने कहा कि इंदौर मे 21 प्रतिशत हरियाली होना चाहिए जबकि यहाँ 9 प्रतिशत है। विकास के नाम पर 15 हजार पेड़ काटे गए। शहर की आबादी करीब 35 लाख है, यहाँ 20 लाख वाहन है लेकिन पेड़ों की संख्या 10 लाख भी नही। अतः हमें इंदौर को हरियाली में नंबर वन बनाने की जरूरत है।

शिक्षाविद् कंचन तारे ने कहा कि इंदौर कितना सुंदर है यह हमारे बच्चे नही जानते हैं। शहर मे हर वर्ष 4 लाख हाई स्कूल और हाय सेकेंडरी की परीक्षा देते हे ऐसे बच्चों को हम शहर के विकास कार्य में जोड़े। पत्रकार शफी शेख ने कहा कि शहर में करीब 1 लाख बच्चे नशा कर रहे है इन्हें रोका नही गया तो इंदौर भी एक दिन पंजाब बन जायेगा, जहाँ नशा के कारण केंसर जैसी बीमारी फेल गई। अतः अधिक जागरूकता की जरूरत है ।

अतिथि स्वागत रामेश्वर गुप्ता, अशोक मित्तल, कैलाश त्रिवेदी ने किया। कार्यक्रम में अशोक कोठारी, रंजना सेगल, शोभा वैध, फादर पायस, डॉ.रेखा आचार्य विशेष रूप से उपस्थित थे। संचालन किया श्याम पाण्डे ने। आभार माना प्राची परिहार ने।यह जानकारी मीडिया प्रभारी प्रवीण जोशी ने दी।