इंदौर – पुलिस थाना द्वारकापुरी क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली फरियादिया ने दिनांक 09.05.2023 को थाने पर आकर रिपोर्ट लिखाई कि, दिनांक 08.05.2023 की रात्रि मे 15 वर्षीय बेटी, घर के बाहर अपने सहेलियो के साथ सोई थी । जब मैने दिनांक 09.05.2023 के सुबह घर के बाहर देखा तो मेरी लडकी वहां नही थी, मैने उसकी सहेलिया को पूछा तो उन्होने बताया कि थोडी देर पहले यही थी । फरियादी आ ने कहा कि मेरी नाबालिग बेटी घर से बिना बताये कही चली गयी है, मेने उसकी तलाश आसपास कालोनिया, नाते रिश्तेदारो मे सभी जगह की है लेकिन अभी तक उसका कोई पता नही चला ।
मुझे शंका है कि कोई अज्ञात बदमाश मेरी नाबालिग लडकी को बहला फुसलाकर ले गया है। इस पर थाना द्वारकापुरी पर तत्काल अपराध धारा 363 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। शहर में गुम/ अपहृत नाबालिक बालक/बालिकाओं के प्रकरण में प्राथमिकता के आधार पर प्रभावी कार्यवाही हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में थाना प्रभारी द्वारकापुरी द्वारा प्रकरण की संवेदनशीलता एवं गंभीरता को ध्यान में रखते हुए तत्काल पुलिस टीम का गठन कर अपहर्ता का पता लगाने हेतु योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही हेतु जुट गए।
पुलिस टीम के द्वारा अपहर्ता के संबंध में आवश्यक जानकारी लेकर फरियादियों से प्राप्त संदेही के बारे में भी जानकारी निकाली गई। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी जांच के आधार पर एक झोपडे मे पहुँचे जहां पर अपहर्ता 15 वर्षीय नाबालिक, संदेही हरिओम के पास मिलीं। पुलिस द्वारा चंद घंटों के अपहर्ता को आरोपी के कब्जे से दस्तयाब किया जाकर आरोपी को पुलिस हिरासत मे लिया गया हैं । पुलिस द्वारा नाबालिक को बहला-फुसलाकर ले जाने वाले आरोपी हरिओम को रक्त में लिया गया है जिसके विरुद्ध विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी द्वारकापुरी निरी अलका मेनिया उपाध्ये, उनि. सपना डोडिया , आर.3234 स्वदीप ,आर. 162 राकेश , , 1626 राजाराम, आर.1821 पूरन , आर. 3715 पंकज सिंह सिंकरवार एवं डीसीपी ज़ोन 4 कार्यालय में पदस्थ आरक्षक 1956 आशीष शुक्ला की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।