स्वच्छता में इंदौर ने रचा इतिहास, राष्ट्रपति ने नवाजा

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इंदौर (Indore News) : इंदौर में स्वच्छता के क्षेत्र में आज पुन: इतिहास रचा है। स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार पांचवी बार देश में अव्वल रहा है। इंदौर देश का ऐसा पहला शहर है जिसने पांच बार लगातार स्वच्छता का पुरस्कार जीता है। साथ ही इंदौर को सफाई मित्र सुरक्षा चेलेंज में भी देश में अव्वल रहने का गौरव प्राप्त हुआ है। आज भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने इस वर्ष के स्वच्छता सर्वे के परिणाम घोषित किये। विज्ञान भवन नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में इन्दौर को पुनः देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का ऐलान किया गया। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने यह पुरस्कार इंदौर को प्रदान किया।

इन्दौर शहर के नागरिकों की ओर से ये पुरस्कार नगरीय प्रशासन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, इन्दौर के सांसद श्री शंकर लालवानी और आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल ने प्राप्त किया। इस मौके पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा एवं कलेक्टर श्री मनीष सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित थे। इसी प्रकार नगर निगम इन्दौर को सफाई मित्र सुरक्षा सम्मान से भी नवाजा गया। इंदौर को यह सम्मान सफाई कर्मचारियों को बेहतर उपकरण और तकनीक मुहैया कराने के लिए प्रदान किया गया है। स्वच्छ भारत सर्वेक्षण पुरस्कारों में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही शहर को दो अलग—अलग श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया हो। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सफाई मित्र सुरक्षा पुरस्कार इसी साल से शुरू किया और पहली बार में ही इंदौर इस पुरस्कार को अपने खाते हिस्से में लाने में सफल रहा।

2017 से इंदौर बना हुआ है नम्बर वन
इंदौर पहली बार 2016-17 में सफाई के मामले में देश का नंबर वन शहर बना था उसके बाद 2017-18, 2018-19, 2019-20 में वह पुरस्कार जीता था। अब 2020-21 में दस लाख से अधिक की आबादी श्रेणी के स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले स्थान पर काबिज रहते हुए इंदौर ने ‘स्वच्छता का पंच’ लगाया है। इन्दौर शहर को देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव पहली बार वर्ष 2017 में प्राप्त हुआ था, वर्ष 2016, 2017 एवं 2018 में इन्दौर नगर निगम द्वारा शहर के नागरिकों के सहयोग से घर-घर कचरा कलेक्शन, गीला-सूखे कचरे को पृथक करना, सैनिटेशन के तहत टॉयलेट एवं यूरिनल का निर्माण और गीले-सूखे कचरे की शत-प्रतिशत प्रोसेसिंग सुनिश्चित की गई थी। इन्दौर के जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, रहवासी एवं बाजार एसोसिएशन, अन्य नागरिकों, मीडिया साथियों, नगर निगम इन्दौर के सफाई कर्मियों और अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों के सहयोग से वृहद जागरूकता अभियान इन्ही 3 वर्षो में चलाया गया था।

इन वर्षो में ही घर-घर से कचरा कलेक्शसन एवं परिवहन को लेकर विभिन्नग अधोसंरचनाएं एवं प्रक्रियाएं स्थाेपित की गई ताकि शहर में स्व च्छनता की आदत स्था ई रूप ले सके। वर्ष 2018 एवं 2019 में इन्दौशर नगर निगम द्वारा देवगुराडि़या स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड के पुराने पडे लेगेसी वेस्ट2 के बायो रेमेडाइजेशन पर कार्य किया गया जिससे देवगुराडि़या ट्रेचिंग वर्तमान में पूर्ण रूप से स्वटच्छम क्षेत्र के रूप में जाना जाने लगा है। वर्ष 2020-21 में केन्द्रा सरकार के स्व च्छपता मापदण्डों के तहत इन्दौ र नगर निगम द्वारा शहर को वाटर प्ल स के रूप में प्रथम शहर का खिताब प्राप्त‍ हुआ।

इन्दौ‍र शहर वाटर प्ल‍स के रूप में घोषित हो जाने से इसका सीधा लाभ शहरवासियों के स्वा स्य्दौ पर पड़ा है, क्यों कि सीवरेज का गंदा पानी का भूजल पर मिलना जहां एक और रूका है, वहीं दूसरी ओर घरों का एवं संस्था‍नों का प्रदूषित गंदा पानी भी भू-तल पर स्थित नदी-नालों एवं तालाबों में मिलना बंद हुआ है। इंदौर को स्वच्छता के क्षेत्र में प्रारंभ में देश में अव्वल लाने के लिये वर्तमान इंदौर कलेक्टर तथा तत्कालीन नगर निगम आयुक्त श्री मनीष सिंह की महती भूमिका रही है।