कोरोना की क्रोनोलॉजी ना समझ दिन भर इंदौर को बदनाम करने और स्वच्छता की तरह कोरोना में भी नम्बर वन आने की उलाहना देने वालों के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण होना चाहिए कि देश के 7 प्रदेशों के जो 60 जिले सर्वाधिक कोरोना प्रभावित हैं उनमें मध्यप्रदेश के साथ इंदौर का नाम भी नहीं कही नहीं है.इन 60 जिलों की चिंताजनक हालत के मद्देनजर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए 7 राज्यों के मुख्यमंत्री से चर्चा की, जहां पर देश के 60 फीसदी से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं, जिनमें सबसे अव्वल महाराष्ट्र, जहां लगभग साढ़े 12 लाख, उसके बाद आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, दिल्ली और पंजाब है… यह भी उल्लेखनीय है कि जब कोरोना संक्रमण मार्च के महीने में तेजी से फैला, तब इंदौर देश के 4 टॉप शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले में था, लेकिन उसके बाद प्रशासन के सख्त कर्फ्यू-लॉकडाउन के चलते उतनी तेजी से संक्रमण नहीं फैला अन्यथा आज की स्थिति में इंदौर में 40 से 50 हजार कोरोना पॉजिटिव होते और मरने वालों का आंकड़ा डेढ़ से दो हजार तक पहुंच जाता. इंदौर सहित पूरे मध्यप्रदेश को केन्द्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के मामले में गंभीर नहीं माना है और प्रधानमंत्री ने इन 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को माइक्रो कंटेनमेंट झोन के साथ संक्रमण के प्रसार को रोकने और स्थानीय स्तर पर भी लॉकडाउन की जरूरत नहीं बताई है. प्रधानमंत्री ने अन्य गतिविधियों को सामान्य रूप से चलाने, खासकर सेवा और सामान की आवाजाही की रूकावट से नागरिकों को अनावश्यक परेशानी होने और उनकी आजीविका पर भी असर पडऩे की बात कही है. यह बात सही है कि इंदौर सहित मप्र के कई शहरों में कोरोना मरीजों की संख्या सितम्बर माह में तेजी से बढ़ी है, बावजूद इसके हालात उतने गंभीर भी नहीं है, जितना उसका प्रचार-प्रसार कर ख़ौफ़ पैदा करते हुए शासन-प्रशासन को कोसा जा रहा है ,ये जरूर है कि सावधानी और सतर्कता लगातार बरतना जरूरी है , जिसके चलते ही व्यापारियों को प्रेरित कर स्वेच्छिक लॉक डाउन करवाया जा रहा है , इसकी मिसाल भी फिलहाल देश मे कही नही मिलेगी .
प्रदेश के छोटे शहरों में तीन गुना फैला संक्रमण
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर , जबलपुर में तो कोरोना मरीजों की संख्या जहाँ पहले से ज्यादा है वही अभी और इजाफा हुआ, लेकिन अभी सितम्बर की बात करें तो इस महीने में इन बड़े शहरों की तुलना में प्रदेश के छोटे शहरों में तीन गुना तक अधिक संक्रमण फैला है, जिनमें सबसे अव्वल नरसिंहपुर जिला है, जहां 390 प्रतिशत कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ, तो उमरिया में 241, मंडला में 214, सिवनी में 202, बालाघाट में 195, शहडोल में 190, डिंडोरी में 179, सतना में 142, होशंगाबाद में 137, छिंदवाड़ा में 136, बैतूल में 133, दमोह में 126, अनूपपुर में 123 और पन्ना में 121 प्रतिशत तक मरीज बढ़ गए हैं. इंदौर में अस्पतालों में बेड और आईसीयू की कमी इन बाहरी जिलों से आने वाले मरीजों के कारण ही पड़ रही है अन्यथा इंदौर के मरीजों की तुलना में आज भी 2 से 3 गुना अधिक बैड और आईसीयू उपलब्ध हैं .