Indore : निगम के भू-जल संरक्षण अभियान की हुई शुरुआत, जल बचाव की ली गई शपथ

Suruchi
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Indore : आयुक्त प्रतिभा पाल(Commissioner Pratibha Pal) ने बताया कि वर्षा जल संग्रहण, भूमिगत जल संवर्धन कार्यो के क्रियान्वयन हेतु भू-जल संरक्षण अभियान का पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेन्द्र हार्डिया, डॉ. निशांत खरे, पूर्व आईडीए अध्यक्ष मधु वर्मा, पूर्व विधायक गोपी नेमा, सुदर्शन गुप्ता, भाजपा नगराध्यक्ष गौरव रणदीवे, पूर्व सभापति अजयसिंह नरूका, पूर्व नेता प्रतिपक्ष फोजिया शेख अलीम अण्णा महाराज, शहर काजी इशरत अली व अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर पूर्व एमआईसी सदस्य, पूर्व नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम, पूर्व पार्षदगण, वार्ड स्तरीय जल संरक्षण समिति के सदस्य, शहर के विभिन्न धार्मिक, बाजार, सामाजिक, व्यापारिक, शैक्षणिक संगठनो के पदाधिकारीगण, एनजीओ संस्थान व अन्य संगठनो के प्रतिनिधिगा उपस्थित थे। इस अवसर पर भू-जल संरक्षण हेतु बनाये नवीन सॉंग का लाईव प्रफामेंस, डॉ. रागिनी मक्खड द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तृति दी गई।

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इस अवसर पर आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा भू-जल संरक्षण अभियान पर आधारित पीपीटी के माध्यम से संक्षिप्त जानकारी दी गई तथा आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि अतिथियोे द्वारा भू-जल संरक्षण अभियान के प्रथम चरण में वर्षा जल संरक्षण पर विजन डॉक्यमेंट की लॉचिंग व ब्ल्यु प्रिन्ट का विमोचन व लॉचिंग किया। इसके साथ ही अतिथियों द्वारा रहवासी संघ में अच्छा एवं उत्कृष्ठ कार्य करने वाले मोयरा सरिया चेयरमेन सत्येन्द्र सिंह, ट्रस्टी ब्रहम समाज रमेश बेस, नरेन्द्र कुमार भावसार सिलिकॉन सिटी (लगभग 200 रैन हावेस्टिंग करवाई गई) को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया।

इसके पश्चात इंदौर आर्टिस्ट प्रबल जैन व उनकी टीम, डॉ. रागिनी मक्खड व उनकी टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान सांसद शंकर लालवानी द्वारा उपस्थितो को जल संग्रहण व संरक्षण के लिये शपथ दिलाई गई। साथ ही द्वितीय चरण में सुरेश एमजी आरडब्ल्युएच एक्सपर्ट द्वारा टेक्निकल सेशन में धर्मगुरूओ एवं अन्य विशेषज्ञो के साथ ओपन डिस्कशन किया गया तथा भू-जल संरक्षण अभियान में सहयोग करते हुए, आवास/घर, संस्था पर रूफटॉप रेन वॉटर हावेस्टिंग लगाने की भी अपील की गई।

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वर्षा जल संरक्षण पर विजन डॉक्यमेंट

प्रस्तावना

जब मनुष्य पहली बार बस गया और खानाबदोश जीवन शैली से कृषि जीवन शैली में बदल गया, तो उसने पानी मांगा। ऐतिहासिक रूप से, पहले की बस्तियाँ स्थल के चयन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक के रूप में जल निकायों पर निर्भर रही हैं। वे भोजन, यात्रा और विभिन्न अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। नदियों, तालाबों और झीलों जैसे जल निकाय विभिन्न पारिस्थितिक तंत्र सेवाएं प्रदान करते हैं जो सूक्ष्म जलवायु, जैव विविधता और पोषक चक्रण के प्रबंधन के लिए आवश्यक हैं। जीवन का अमृत होने के अलावा किसी भी क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जल एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

दुनिया भर के कई शहर विभिन्न नदियों के किनारे से शुरू हुए, और भारतीय शहर इस तथ्य के अपवाद नहीं हैं। इस शहर की जड़ें 16वीं शताब्दी में हैं, जो दक्कन और दिल्ली के बीच एक व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित हुई थी। किंवदंतियों का कहना है कि उज्जैन को जीतने की यात्रा के दौरान, राजा इंद्र सिंह ने कान्ह नदी के किनारे एक शिविर लगाया और उस जगह की प्राकृतिक हरियाली से बहुत प्रभावित हुए। इस प्रकार, उन्होंने कान्ह और सरस्वती नदियों के मिलन स्थल पर एक शिवलिंग की स्थापना की और इंद्रेश्वर मंदिर के साथ-साथ बस्ती इंद्रपुर को निर्देश दिया। वर्षों बाद मराठा शासन के तहत, जब यह मराठा सूबेदार (जनरल) श्मल्हार राव होल्करश् को दिया गया, तो इसका नाम इंदूर हो गया था। ब्रिटिश राज के दौरान इस नाम को बदलकर इंदौर कर दिया गया था।

पूर्व लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन ने कहा कि पहले हम पर्यावरण से दूर हुए अब बचाने के लिये आप सभी मिलकर इस अभियान को सफल बनावे। मैं निगम अधिकारियो को बधाई देती हॅू कि विगत दिनो इंदौर स्मार्ट सिटी में 6-6 अवॉर्ड मिले है। अब इंदौर की धरोहर व विरासत को संभालना हम सभी का दायित्व है। आप सभी की सहभागिता के कारण पुरे देश में इंदौर का नाम चलता है। आज आयुक्त द्वारा दिये गये सम्मान स्वरूप नल जो कि कम से कम पानी का प्रवाह करता है, तथा घर के उद्यान में पानी देने के लिये पाईप के आगे लगे नोजल जिससे की कम से कम जल का अपव्यय होता है, यह निगम की मंशा है कि आप सभी पानी का दुरूपयोग ना करे।

जल संरक्षण अभियान हम सभी के लिये जरूरी है, इसलिये इंदौर नंबर वन है कि सभी मिलकर कार्य करते है। प्रकृति को जब आप कुछ दोगे तो वह वापस आपकेा देगी, इसलिये आप सभी वर्षा जल का संग्रहण करे। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि समारोह के प्रारम्भ में गीत व सांस्कृति नृत्य में जल संरक्षण को लेकर जो संदेश दिया है, आने वाले समय में इंदौर केा जल संकट से बचा सकते है। शहर को भू-जल स्तर बढाने में सहयोग मिलेगा। जिस प्रकार से मान. महामहिम राष्टपति जी ने शहर व ग्रामीण क्षेत्र में जल के क्षेत्र में सम्मानित किया गया और कहा कि इंदौर इस वर्ष का तीसरा पुरस्कार ले रहे है, तो मैने कहा कि यह सम्मान इंदौर की जनता का है, उनके सहयोग से ही इंदौर लगातार अवॉर्ड प्राप्त कर रहा है।

इंदौर के जल संरक्षण के तहत वॉटर हावेस्टिंग अभियान में इंदौर की समस्त संगठन, नागरिके व अन्य सहयोग करेगे और हम इंदौर को जल संरक्षण में भी आगे रखेगे। मान. प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अमृत सरोवर, केच द रेन और जल बचाव के लिये अभियान चलाया जावे, जिसके तहत इंदौर में 100 से अधिक अमृत सरोवर बनाएगा, कैच द रैन के लिये वॉटर हावेस्टिंग सिस्टम को अपनाएगे। इंदौर जल संरक्षण में भी नंबर वन शहर बनेगा। विधायक महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि नगर निगम इंदौर ने बहुत ही अच्छा अभियान प्रारम्भ किया, जिसकी इंदौर को बहुत ही जरूरत थी, इंदौर ने जो जल संरक्षण अभियान चलाया है

इसमें सभी को मिलकर कार्य करना चाहिये, इसे जन आंदोलन बनाये, ताकि इंदौर को पर्याप्त जल प्राप्त होने के साथ ही जल अपव्यय को भी रोका जा सके। इंदौर की जनता जिस भी आंदोलन को अपनाती है उसे पुरा करती है। डॉ. निशांत खरे ने कहा कि 2013 में चेन्नई में बाढ आई थी, समुद्र का पानी शहर में आ रहा था, चेन्नई जलमग्न था, चेन्नई म्युनिसिपल कॉपोरेशन ने यह डिक्लेयर किया कि आगामी 7 दिवस तक पानी सप्लाय का पानी पर्याप्त नही है। विदित हो कि चैन्नई के आस-पास जल संग्रहण का बहुत स्थान था, किंतु आईटी पार्क के विकास के लिये जल संग्रहण के स्थान केा विकसित किया गया।

जिसका परिणाम है कि चेन्नई में जल संकट बना रहता था। इंदौर की जनसंख्या 20 वर्ष पहले क्यां थी, 2035 तक 58 लाख तक जनसंख्या पहुंच सकती है। शहर बए रहा है प्रगति कर रहा है लेकिन पानी की पर्याप्ता का भी ध्यान रखना है। जब तक शहर के कुंए-बावडी जीवित नही होते तब तक जल संरक्षण नही हो पाएगा। इसे जन आंदोलन बनाकर जल संरक्षण के लिये कार्य करना होगा। नेट जीरो- जितना आप ले रहा है उतना भी प्रकृति को देवे। हम रेन वॉटर हावेस्टिंग के लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा। जल स्त्रोतो को बचाना हमारा लक्ष्य रखे, जो हम सभी प्राप्त कर सकते है।

पूर्व सभापति अजयसिंह नरूका ने कहा कि आने वाले समय में जल को लेकर जो स्थिति बन सकती है, उसे चिंहित कर और उसके लिये आंदोलन बनाकर कार्य किया जावे। पहला स्वच्छता अभियान, दूसरा हरित इंदौर, जिसमें भू-जल संरक्षण, तीसरा तापमान में कमी हो इस हेतु पौधारोपण किया जावे। हम नर्मदा का पानी बहुत दूरी से ला रहे है, उसका उपयोग करे, व्यर्थ ना बहावे। हम सभी ने मिलकर जिस प्रकार से स्वच्छता अभियान चलाकर नंबर वन शहर बनाया है उसी प्रकार से जल संरक्षण को भी अभियान बनाकर सफल बनावे।

भाजपा नगराध्यक्ष गौरव रणदीवे ने कहा की जल है तो कल है इसे हम सभी जानते है, मान. मुख्यमंत्री जी प्रतिदिन एक पौधा लगा रहे है, क्योकि जल का संरक्षण में पौधारोपण जरूरी है। बरसात के दिनो में जल संग्रहण की व्यवस्था ना होने से वर्षा जल बह जाता है, जिससे भू-जल स्तर नही ब्रढता है। मैं निगम को को बधाई देता हॅू जिन्होने पहले स्वच्छता अभियान, फिर वॉटर प्लास अभियान और अब जल संरक्षण के लिये अभियान चलाया है, जिस प्रकार से स्वच्छता में सहयोग किया उसी प्रकार से जल संरक्षण व जल बचाव के लिये मिल कर कार्य करे। उन्होने कहा कि जल संरक्षण के लिये वार्ड स्तरीय जल संरक्षण समिति मिलकर कार्य करे, और आने वाले समय में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने का अभियान चलाया जावे।