इंदौर कलेक्टर बोले- समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने वाले शासकीय सेवकों के विरूद्ध होगी कार्यवाही

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इंदौर : कलेक्टर कार्यालय में प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने निर्देश दिए हैं कि सभी शासकीय सेवक सुबह निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में निर्धारित समय तक रूके और आमजनों के हितार्थ अधिक से अधिक काम करें। अपने कार्य को पूर्ण ईमानदारी, मेहनत और लगन के साथ सुनिश्चित करें। निर्धारित समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने वाले शासकीय सेवकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। निरीक्षण के लिए कलेक्टर ने दल भी बनाने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में आज यहां समय-सीमा के पत्रों के निराकरण(टीएल) की बैठक संपन्न हुयी। बैठक में वन मंडलाधिकारी नरेन्द्र पांडवा, अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा, अभय बेडे़कर तथा आर.एस. मण्डलोई, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी वंदना शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि उनसे संबंधित अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में हो। प्रकरणों का सकारात्मक निराकरण सुनिश्चित किया जाए। वे यह भी तय करें कि उनका विभाग प्रकरणों के निराकरण में प्रदेश में प्रथम दस जिलों में शामिल रहे। अधिकारी इस सप्ताह में प्रकरणों के निराकरण पर विशेष फोकस करें।

बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने मेडिकल ऑफिसर्स एसोशिएशन एवं महासंघ द्वारा प्रस्तावित चरण बद्ध हड़ताल के मद्देनजर निर्देश दिए हैं कि सभी शासकीय चिकित्सालयों में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि वहां प्रसूति एवं अन्य जरूरी उपचार कार्य प्रभावित नहीं हो। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों की सेवाएं ली जाए। इसके लिए अस्पताल वार प्राइवेट चिकित्सकों को जवाबदारी सौंपे। किसी भी हाल में प्रसूति एवं अन्य जरूरी उपचार कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए।

बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने सीएम राइज स्कूलों की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इन स्कूलों में समर केम्प लगाने की भी व्यवस्था की जाए। स्कूलों में कम्प्यूटर सिखाने की व्यवस्था भी हो। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में चलाए जा रहे जाति प्रमाण पत्र बनाने के अभियान को भी गति दी जाए। उन्हों ने निर्देश दिए कि सभी शासकीय स्कूलों में ड्राप आउट बच्चों की सूची तैयार की जाए। चिन्हित बच्चों के अभिभावकों को प्रेरित किया जाए कि वे अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेंजे। इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद भी ली जाए।