इंदौर 9 मई 2023: प्रति मंगलवार की तरह इस मंगलवार भी कलेक्टर कार्यालय में जनसुवाई संपन्न हुयी। इस जनसुनवाई में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी सहित अन्य अधिकारियों ने बड़ी संख्या में मौजूद नागरिकों की समस्या को गंभीरता के साथ सुना और उनका सहानुभूतिपूर्वक निराकरण किया। जनसुनवाई के सकारात्मक परिणाम इस बार भी दिखाई दिए। जनसुनवाई में किसी को आवास, किसी को इलाज, किसी को शिक्षा और किसी को रोजगार के लिए मदद मिली।
जनसुनवाई में आज गोपाल खंडेलवाल और उनकी पत्नी सीमा अग्रवाल भी पहुंची। इन्होंने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि हमने बैंक से लोन लेकर पंचवटी कॉलोनी में मकान बनाया था। मकान के लिए लगभग 23 लाख रूपए का लोन लिया था। इसमें से हमने अधिकांश राशि 17 किस्तों में जमा कर दी। शेष राशि ब्याज सहित बकाया होने पर बैंक द्वारा हमारा मकान कुर्क कर लिया गया और ताला लगा दिया गया। हम बेघर हो गए। हमने जब बैंक में सम्पर्क किया तो ब्याज सहित बहुत ज्यादा बकाया राशि शेष होना बतायी गयी। हमने कई जगह आवेदन दिए लेकिन निराकरण नहीं हुआ। इस बीच में बैंक ने उक्त मकान नीलाम करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी। इस दौरान हम डीआरटी जबलपुर गए और आवेदन लगाया। वहां से हमें इसी वर्ष फरवरी माह में स्टे मिल गया। इसके बावजूद भी उक्त मकान का ताला खोलने की कार्यवाही और हमें कब्जा देने की प्रक्रिया नहीं की गयी। कलेक्टर ने इनकी बातों को गंभीरता से सुना और दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद निर्देश दिए कि तत्काल ही उक्त मकान का ताला खोलकर कब्जा सौंपा जाए। इससे पति-पत्नी दोनों खुश होकर कलेक्टर को धन्यवाद देते हुए रवाना हुए।
चार वर्षीय बालिका का होगा लिवर ट्रांसप्लांट
जनसुनवाई में आज एक दंपत्ति अपनी चार वर्षीय बालिका को लेकर पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को बताया कि इस बालिका का लिवर खराब है। लिवर ट्रांसप्लांट कराया जाना है। इसमें लगभग 17 लाख रूपए खर्च होंगे। इसका इलाज इंदौर में एक ही अस्पताल में होना है। यह अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत लिवर ट्रांसप्लांट के लिए चिन्हित नहीं है। आयुष्मान कार्ड हमारे पास है, इससे हमें पांच लाख रूपए की तो मदद मिल जाएगी, शेष राशि की व्यवस्था हम कर लेंगे। उक्त अस्पताल चिन्हित नहीं होने से लिवर ट्रांसप्लांट कराने में दिक्कत आ रही है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने तुरंत ही भोपाल चर्चा की और लिवर ट्रांसप्लांट हेतु अनस्पेशिफाईड पैकेज अंतर्गत 5 लाख रूपए की राशि आयुष्मान भारत योजना से स्वीकृत करने की कार्यवाही की।
इलाज का बकाया बिल हुआ माफ
जनसुनवाई में आज एक वृद्ध महिला गंगा वर्मा भी पहुंची। उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मेरे बड़े पुत्र की लंबे समय से तबीयत खराब है। उसका इलाज मेदान्ता अस्पताल में चल रहा है। काफी पैसा खर्च हो चुका है। हाल ही में सर्वाइकल का ऑपरेशन भी कराया। इस ऑपरेशन में लगभग साढ़े 9 लाख रूपए खर्च हो चुके हैं। इसमें से हमारे द्वारा साढ़े 6 लाख रूपए का भुगतान कर दिया गया है। शेष राशि जमा करने की व्यवस्था हमारे पास बिल्कुल भी नहीं है। आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। अभी और भी इलाज होना है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बकाया राशि का बिल माफ कराया जाए। अस्पताल प्रबंधक से चर्चा कर बिल माफ कराया गया। साफ ही कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इनका इलाज अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में निशुल्क कराया जाए।
दृष्टिहीन दंपत्ति को मिला आवास
जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष केदार पटेल और उनकी पत्नी अनिता भी पहुंची। उन्होंने बताया कि हम दोनों ही दृष्टिहीन है। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। रोजगार का भी कोई स्थायी जरिया नहीं है। रहने को मकान भी नहीं है। किराये के मकान में अभी रह रहे हैं। किराया भरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने दृष्टिहीन दंपत्ति केदार पटेल और उनकी पत्नी अनिता को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत फ्लेट आवंटित करने के निर्देश दिए। मकान की पहली किस्त और अन्य औपचारिकताओं के लिए रेडक्रॉस से एक लाख रूपए की मदद भी स्वीकृत की गई है।
दिव्यांग पिंकी को नौकरी पर जाने के लिए मिलेगा दो पहिया वाहन
जनसुनवाई में दोनों पैर से दिव्यांग पिंकी पिता देवकरण दुबे भी पहुंची। उसने बताया कि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती हूं। मुझे अपने घर से कार्य स्थल तक जाने में 10 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ती है। मेरा वेतन भी बहुत कम है, इसलिए मैं कोई वाहन खरीद नहीं पा रही हूं। नौकरी पर लाने ले जाने का काम करते हैं। मुझे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने इनकी बात को गंभीरता से सुन कर रेट्रोफिटिंग दो पहिया वाहन देने के निर्देश दिए।
दिव्यांगों के लिए लगेगा रोजगार मेला
कलेक्टर डॉ.इलैयाराजा टी को एक दिव्यांग युवक राजेश पालीवाल ने भी अपनी समस्या बतायी। उसने बताया कि मैं एक अस्थिबाधित दिव्यांग हूं। मैंने पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पोस्ट ग्रेजुएशन और डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन किया है। मैं नौकरी के लिए लगातार प्रयासरत हूं। मुझे कहीं बेहतर नौकरी नहीं मिल रही है। कलेक्टर ने इनकी समस्या को गंभीरता से सुन कर सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक को निर्देश दिए कि रोजगार कार्यालय से मिलकर इनकी नौकरी के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही निर्देश दिए गए कि ऐसे अन्य दिव्यांग युवाओं को भी नौकरी देने हेतु रोजगार मेला आयोजित किया जाए।