इंदौर। आज से लगभग 32 साल पहले, एक परिचित का रात में अचानक कॉल आया की इमरजेंसी में ब्लड की आवश्यकता है, उस वक्त 18 साल की उम्र पूरी की थी मैने, अपनों की मदद के भाव से हॉस्पिटल में जाकर ब्लड डोनेट किया। दूसरी बार जब डोनेशन किया तो मन को सुकून सा मिला की इससे बेहतर समाज सेवा नही। तब से लेकर आज तक 132 से ज्यादा बार ब्लड डोनेट कर चुका हुं।
यह बात शहर में रक्तदीप के नाम से मशहूर दीपक विभाकर नाईक (Deepak Vibhakar Naik) ने कही, वह लगभग 32 साल से ब्लड डोनेट कर रहे है, वह बताते हैं कि जिन लोगों को ब्लड डोनेट किया आधे से ज्यादा लोगों का तो चेहरा भी नही देखा, बस हाथ आगे किया और डोनेट किया, शुरुआत में ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों में जागरूकता नही थी, उस समय सोशल मीडिया, मोबाइल, और यह सब नही था लैंडलाइन पर पता चलता था, तो जाकर ब्लड डोनेट करते थे। इसी के साथ वह कॉलेज, कंपनी और अन्य जगह जाकर लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित भी करते हैं। हमारे लिए ब्लड डोनेशन 17 वा सामाजिक संस्कार है।
800 लोगों के नाम उनके ब्लड ग्रुप से याद है, रोज आते है 7 से 8 फोन
मुझसे प्रेरित होकर मेरी वाइफ अनन्या नाईक और बच्ची अनावि नाईक ने भी ब्लड डोनेट करना शुरू किया अभी तक वाइफ ने 25 बार डोनेशन किया है, वहीं बच्ची ने 18 साल की उम्र पूरी होने पर 1 बार किया है। 32 साल के इस करियर में अभी वर्तमान में रोजाना 5 से 7 कॉल आते है, इनमें से हम कोशिश यह करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा मदद हो, और 3 से 4 लोगों को ब्लड मिल जाता है। धीरे धीरे हमारी इस मुहिम से लोग जुड़ते गए, और आज 800 से ज्यादा लोग रक्तदिप ग्रुप का हिस्सा है, लगभग सभी लोगों के नाम ब्लड ग्रुप से याद है, मुझे जैसे ही किसी हॉस्पिटल या मरीज के परिजन से फोन आता है, में इन्हें सूचना देता हु, इसके बाद वह लोग वहां जाकर डोनेट करते है।
घर से लेकर इस्तेमाल होने वाली चीजों पर लिखे डोनेट ब्लड के मैसेज
दीपक विभाकर नाईक के घर में दाखिल होने पर ब्लड डोनेशन के कुछ किस्से देखने को मिलते है, उन्होंने अपने घर में वैभवी वीथिका गैलरी और सीढ़ियों से उतरते हुए दीवार पर सभी प्रशस्ति पत्र, सामान पत्र और अन्य चीजों को फ्रेम में जड़कर लगाया है, वहीं कार के ऊपर लिखा है, मुझे गर्व है में रक्तदाता हूं, हेलमेट पर डोनेट ब्लड, बीपॉजिटिव, वहीं शर्ट पर बी पॉजिटिव का बेच लगाते हैं।इसी के साथ घर के ऊपर डोनेट ब्लड के साइन लगे है। हाल ही में ब्लड डोनेशन के ऊपर वक्त पर रक्त नाम से एक किताब लिखी है।
ग्रुप में ऐसे कई सदस्य जिन्होंने 30 से ज्यादा बार किया ब्लड डोनेट
ग्रुप में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने लगभग 30 से ज्यादा बार ब्लड डोनेट किया है, जिसमें कमलेश मालवीय, बलराम हुंदलानी, मनोज घानानी, देवेंद्र सिंह चौहान, श्रीनिवास जोशी, धर्मेंद्र जायसवाल और अन्य लोग शामिल है, शहर के लगभग सारे अस्पताल वाले रक्तदीप ग्रुप को जानते है, वह इमरजेंसी में हमें कॉल करते है, वहीं कई बार मरीज के परिजन भी कॉल करते है, शहर के एमवायएच, मेदांता, मेडिकेयर, अरविंदो और अन्य जगह से कॉल आते है।