शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि विगत दिनों इंदौर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एम बी ए का पेपर आउट हुआ जो की अक्षय बम के आयडेलीक कॉलेज से हुआ था। जिसको लेकर शहर कांग्रेस के छात्र नेताओं द्वारा आंदोलन किया गया और पेपर लीक कांड की जांच करने हेतु देवी अहिल्या विश्वविद्यालय एवं पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिसमें अक्षय बम के आयडेलीक कॉलेज के तीन कर्मचारियों को पेपर लीक करके बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर आरोपी बनाया गया था और मुकदमा दर्ज किया था।
लेकिन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने पुलिस जांच का इंतजार ना करते हुए अपनी जांच रिपोर्ट में कॉलेज संचालक अक्षय बम के आयडेलिक कॉलेज की मान्यता रद्द ना करते हुए केवल ₹ 5 लाख का जुर्माना करते हुए 3 साल के लिए परीक्षा केंद्र हटाने का एक तरफा फैसला लिया जो सीधे सीधे अक्षय बम के कॉलेज को बचाने के लिए लिया गया।
नेताद्वय ने कहा कि जब कॉलेज की प्राचार्य ने स्वयं स्वीकार किया की गलती हुई है। पेपर पुलिस थाने पर न रखते हुए कॉलेज में रखा गया था। नियमों को ताक में रखा गया था उन्होंने लिखित में अपनी गलती मानी। लेकिन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा अक्षय बम एवं उसके आयडेलिक कॉलेज को नाम मात्र का जुर्माना कर सीधे-सीधे बचाने की कोशिश की गई है।
इस हेतु एक जांच रिपोर्ट बनाकर शहर कांग्रेस द्वारा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी गई है। जिसमें बिंदुवार पेपर लीक कांड को उजागर किया गया है। जांच रिपोर्ट में कमेटी ने अक्षय बम एवं उनके कॉलेज और प्राचार्य को सीधे-सीधे दोषी बताया है। उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए एवं आयडेलीक कॉलेज की मान्यता को खत्म किया जाए। इस हेतु जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को सौंप गई है।
इसके लिए एक जांच कमेटी भी बनाई गई है। जिसमें राकेश सिंह यादव, विवेक खंडेलवाल, रजत पटेल,मनीष मोदी, प्रीतिशदास, जौहर मानपुरवाला, कमल वर्मा, गिरीश जोशी, जीतू दीवान, राजू पाल, अमित चौरसिया, सरफराज अंसारी, अली असगर भोपालवाला एवं भूपेंद्र केतके को समिति में शामिल किया गया है। जांच समिति द्वारा एक पत्र शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा को भी दिया गया है।